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    दिल्ली में दो दिन बाद फिर कहर बरपाएगा स्मॉग, लोगों को होगी मुश्किल

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Wed, 09 Nov 2016 10:21 AM (IST)

    पश्चिमी विक्षोभ के असर से हवा की रफ्तार दिल्ली-एनसीआर में एकाएक थम जाएगी, जिससे यहां वातावरण में प्रदूषण का असर एक बार फिर स्मॉग के रूप में लौटेगा। ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली (जेएनएन)। राजधानी में जहरीले स्मॉग की परेशानी एक बार फिर से शुक्रवार को लौटने जा रही है। कश्मीर व उसके आसपास के इलाकों में 11-12 नवंबर से सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ के असर से हवा की रफ्तार दिल्ली-एनसीआर में एकाएक थम जाएगी, जिससे यहां वातावरण में प्रदूषण का असर एक बार फिर स्मॉग के रूप में लौटेगा।

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    विशेषज्ञों की मानें तो पहाड़ी इलाकों में इस दौरान बर्फबारी के चलते 13 नवंबर से दिल्ली-एनसीआर में उत्तर-पश्चिम से आने वाली ठंडी हवाएं तापमान में कमी का कारण बनेंगी और कोहरा का असर प्रदूषण को बढ़ाने में मददगार होगा।

    मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मंगलवार दोपहर हवा की रफ्तार 20 से 25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली और यहीं वजह रही कि स्मॉग का असर वायुमंडल में नजर नहीं आया। मंगलवार को दर्ज प्रदूषण का स्तर सोमवार के मुकाबले आधा रहा लेकिन फिर भी यह खतरनाक स्तर से अधिक दर्ज हुआ।

    सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार मंगलवार को पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर 295 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) दर्ज हुआ। जबकि सोमवार को यह स्तर 622 एमजीसीएम रहा था।

    इसी तरह मंगलवार को पीएम 10 का स्तर 474 एमजीसीएम रहा, जो सोमवार को 808 एमजीसीएम रहा था। इस तरह सोमवार के मुकाबले मंगलवार को प्रदूषण का स्तर लगभग आधा रह गया। बावजूद इसके निर्धारित मानकों के अनुसार मंगलवार को भी पीएम 2.5 व 10 का स्तर सामान्य से करीब पांच गुना अधिक दर्ज हुआ।

    मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि आगामी 11-12 नवंबर को कश्मीर व पहाड़ी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ के असर से होने वाली बर्फबारी के साथ-साथ हरियाणा-पंजाब में हल्की बारिश की संभावना भी बन रही है। अंतिम दौर में जारी पराली जलाने की समस्या का असर भी बारिश के प्रभाव से दिल्ली का रुख कर सकता है।दिल्ली में हवा का असर बंद होने से 11-12 नवंबर को स्थानीय कारकों के चलते प्रदूषण बढ़ सकता है।

    यहां बता दें कि हाल ही में एक रिपोर्ट में सामने आया है कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने में 60 फीसद स्थानीय कारक जिम्मेदार हैं जबकि शेष 40 फीसद के लिए दिल्ली-एनसीआर की गतिविधियां।

    सेंटर फोर साइंस एंड एनवायरमेंट की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी कहती हैं कि मौसम प्रदूषण को बढ़ाने में मददगार बना हुआ है, इसके भरोसे राहत की चाह रखना अनुचित होगा।

    उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से आपातकालीन कदम उठाये जा रहे हैं और ऐसे में मौसम को देखते हुए इन प्रयासों में ढिलाई बरतना ठीक नहीं होगा, क्योंकि अब ठंड के साथ कोहरा भी आएगा।