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    केजरीवाल बोले- राम किशन को मिलेगा शहीद का दर्जा, भाजपा ने किया एतराज

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 04 Nov 2016 10:13 AM (IST)

    कुछ देर पहले ही हरियाणा सरकार की ओर से भी मुआवजे का एलान किया गया है कि पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के परिजनों को 10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी।

    नई दिल्ली (जेएनएन)। वन रैंक वन पेंशन (OROP) मुद्दे पर खुदकुशी करने वाले पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल के परिजनों को दिल्ली सरकार ने मुआवजे का एलान किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्व सैनिक को शहीद का दर्जा दिया। हालांकि, हरियाणा सरकार के एक मंत्री इस पर अपनी आपत्ति जताई है। भाजपा का तर्क है कि आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक को शहीद का दर्जा देना ठीक नहीं है।

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    इसके साथ ही आज हरियाणा के भिवानी में राम किशन के परिवार के एक सदस्य को केजरीवाल ने सरकारी नौकरी देने के साथ परिवार को एक करोड़ का एलान किया है।

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    गौरतलब है कि कुछ देर पहले ही हरियाणा सरकार की ओर से भी मुआवजे का एलान किया गया है कि पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के परिजनों को 10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी। साथ ही परिवार के एक आदमी को नौकरी की भी बात कही गई है।

    रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का दावा,पूर्व सैनिक राम किशन को OROP का लाभ मिला था!

    अपनी खुदकुशी को अपने जवानों और देश के लिए बलिदान करार देते हुए, वह यह भी कह रहे हैं कि जो भी कुछ हो रहा है, वह दुखद है। जवानों को न्याय नहीं मिला है।

    वहीं, पूर्व सैनिक ग्रेवाल के परिजनों ने दावा किया है कि वे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से पेंशन बढ़वाने के सिलसिले में मिलना चाहते थे। हालांकि रक्षामंत्रालय का कहना है कि मंत्रालय को अभी तक अपॉइंटमेंट के संबंध में कोई अनुरोध नहीं मिला और न ही उनका पत्र में इस संबंध में कुछ कहा गया है।

    यहां पर बता दें कि वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर रिटायर्ड सैनिक राम किशन ग्रेवाल ने कथित तौर पर ज़हर खाकर की आत्महत्या की थी। वे अपने साथियों के साथ जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। परिजनों के मुताबिक, मंगलवार दोपहर रामकिशन ग्रेवाल अपने साथियों के साथ रक्षामंत्री से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने ज़हर खा लिया।

    परिजनों के मुताबिक, जो ज्ञापन उनके पिता अपनी मांगों को लेकर रक्षामंत्री को देने जा रहे थे उसी पर उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर जहर खा लिया।

    रामकिशन के छोटे बेटे के मुताबिक, उसके पिता ने खुद इस बात की सूचना फोन करके उसे दी थी। ज़हर खाने के बाद रामकिशन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान देर रात उनकी मौत हो गई।