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    दिल्ली में खतरनाक प्रदूषण पर जागी सरकार

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Sun, 06 Nov 2016 08:54 PM (IST)

    अाज सुबह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति विकट बनी हुई है। आज सुबह नौ बजे हवा में प्रदूषण स्तर खतरनाक रहा।

    नई दिल्ली (जेएनएन)। 'दिल्ली खतरनाक प्रदूषण स्तर के चलते एक आपात स्थिति का सामना कर रही है।' केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधन दवे द्वारा यह बयान देने के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है। इस बाबत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दोपहर 12:30 बजे कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है।

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    बताया जा रहा है कि इस आपात बैठक में दिल्ली में प्रदूषण के हालात को लेकर चर्चा करने के साथ उपाय पर भी काम करने की बात होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में हवा में प्रदूषण कणों की मात्रा तय मानक से ज्यादा हो चुकी है, जो लोगों को कई बीमारियों का शिकार बना रही है। प्रदूषण के इस खतरे से बचने के लिए लोगों को एहतियात बरतने की आवश्यकता है।

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    गौरतलब है कि अाज सुबह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति विकट बनी हुई है। आज सुबह नौ बजे हवा में प्रदूषण स्तर खतरनाक रहा। एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक, आरके पुरम और पंजाबी बाग इलाके में पीएम की मात्रा 999 है, तो वहीं इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 436 तो शांति पथ इलाके में 662 रही।

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    वहीं, हापुड़ बाईपास पर धुंध के कारण आज सुबह एक दर्जन से अधिक वाहन आपस में भिड़ गए। इससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने क्रेन की मदद से दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को सड़क से हटवाया।

    यहां पर बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद शनिवार को कहा था कि केंद्र को स्मॉग के खतरनाक स्तर को घटाने में हस्तक्षेप करने की जरूरत है। दिल्ली एक तरह से ‘गैस के चैंबर’ में तब्दील हो गया है, जिसकी मुख्य वजह पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में खेतों की आग है।

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    प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सीएम केजरीवाल ने जकेंद्र की मदद मांगी थी। केजरीवाल ने कल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री अनिल माधन दवे से भी मुलाकात कर जल्द ही इस बड़ी मुसीबत से निपटने के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र को हस्ताक्षेप करने की जरूरत है।

    उन्होंने कहा था कि वाहनों पर पाबंदी जैसी सम-विषम योजना इस स्मॉग को कम करने में कारगर साबित नहीं होंगे, क्योंकि अध्ययनों से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा से प्रदूषण युक्त स्मोक के ‘व्यापक स्तर’ ने स्थिति को बद से बदतर कर बना दिया है।