CBI निदेशक के लिए जोर-आजमाइश तेज, 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सीबीआइ में वरिष्ठता के आधार पर निदेशक को नियुक्त करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। सीबीआइ निदेशक के लिए पैनल में शामिल सभी 6 वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी जोर-आजमाइश कर रहे हैं। 12 जनवरी को गृहमंत्रालय में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हो सकती है, जिसमें निदेशक पद के लिए नाम की घोषणा होने की संभावना है।
सीबीआइ में वरिष्ठता के आधार पर निदेशक को नियुक्त करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में या तो केंद्र सरकार उक्त तिथि से पहले वरिष्ठता के मानदंड को देखते हुए निदेशक के नाम की घोषणा कर देगी या कोर्ट के रुख को देखते हुए बाद में फैसला लेगी।
सूत्रों की मानें तो निदेशक पद के लिए दो नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है। पहला नाम गुजरात कैडर के 1984 बैच के आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना और दूसरा नाम यूनियन टेरीटरी कैडर के 1979 बैच के देश के सबसे वरिष्ठ आइपीएस आलोक कुमार वर्मा का है।
कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करे पूर्वी दिल्ली नगर निगम: दिल्ली HC
राकेश अस्थाना अभी सीबीआइ में एडिशनल डॉयरेक्टर हैं। उन्हें अस्थायी तौर पर निदेशक का चार्ज सौंप दिया गया है। केंद्र में उनकी डीजी रैंक नहीं है, इसलिए उन्हें अभी निदेशक नहीं बनाया जा सकता है। फरवरी में प्रमोशन मिलने पर वह डीजी रैंक में आ सकते हैं। इसके बाद ही उन्हें स्थायी तौर पर निदेशक बनाया जा सकता है।
31 दिसंबर को सीबीआइ डॉयरेक्टर अनिल सिन्हा के सेवानिवृत होने से दो दिन पहले सीबीआइ में दूसरे नंबर पर व निदेशक पद के प्रबल दावेदार रूपक दत्ता को हटाकर स्पेशल सेक्रेटरी इंटरनल सिक्योरिटी में भेज दिया गया था। उस समय चर्चा शुरू हो गई थी कि उन्हें जान-बूझकर इसलिए हटाया गया ताकि सीबीआइ में राकेश अस्थाना नंबर तीन से दो पर आ सकें। सिन्हा के सेवानिवृत होते ही अस्थाना को अस्थायी तौर पर निदेशक की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी गई। इसी मसले पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। उनकी मांग है कि सीबीआइ में वरिष्ठता के आधार पर निदेशक नियुक्त किया जाए।
दिल्ली में गंदगी का अंबार, सरकार और नगर निगम को NGT का नोटिस
डोभाल से मुलाकात कर चुके हैं वर्मा
सूत्रों की मानें तो पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा ने सबसे वरिष्ठ होने के नाते सीबीआइ निदेशक के लिए जोर-आजमाइश शुरू कर दी है। सोमवार को उन्होंने सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी, जिसके बाद से कयास और तेज हो गए हैं। बेदाग छवि वाले वर्मा को अगर निदेशक बनाया जाएगा तो कोई सवाल खड़ा नहीं होगा।
यदि राकेश अस्थाना को निदेशक बनाया जाता है तो पहली बार होगा कि उनसे वरिष्ठ आइपीएस ओहदे में उनसे नीचे होगा क्योंकि केंद्र में सीबीआइ निदेशक का ओहदा दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बड़ा है। जिस तरह से स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें टल रही हैं, उससे माना जा रहा है कि अस्थाना को सीबीआइ निदेशक बनाया जा सकता है। कोर्ट में जवाब देने के लिए सरकार ने सभी कानूनी तथ्य ढूंढ़ लिए हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।