राष्ट्रपति चुनाव के लिए जारी सियासी कवायद में 'आप' को नहीं मिल रहा भाव
राजनीतिक दल राष्ट्रपति चुनाव के लिए रणनीति बना रहे हैं तो वहीं, दूसरी तरफ इस पूरी प्रक्रिया में 'आप' की कोई भागीदारी नजर नहीं आ रही है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली [जेएनएन]। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक तरफ जहां बैठकों का दौर जारी है। वहीं, आम आदमी पार्टी इस पूरी कवायद में अलग-थलग नजर आ रही है। एक तरफ जहां राजनीतिक दल राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार का चयन करने के लिए रणनीति बना रहे हैं तो वहीं, दूसरी तरफ इस पूरी प्रक्रिया में 'आप' की कोई भागीदारी नजर नहीं आ रही है।
राष्ट्रपति चुनाव लेकर 'आप' की तरफ से भी कोई बड़ी कोशश नहीं की गई है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य ने कहा है कि हमारे समर्थन के लिए किसी बड़ी पार्टी ने हमसे संपर्क नहीं किया है। बता दें कि यह समिति पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है।
कांग्रेस ने 'आप' से बनाई दूरी
पिछले कुछ दिनों में 'आप' सदस्यों ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, जदयू नेता शरद यादव और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के साथ बातचीत की है। लेकिन बावजूद इसके मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस चर्चा से 'आप' को दूर रखा है। राकांपा ने यह कहते हुए 'आप' से दूरी बनाए रखी है कि उम्मीदवारों के नाम पर वह सरकार और विपक्ष का रूख स्पष्ट होने का इंतजार कर रही है।
पार्टी के अंदर नहीं हुई चर्चा
'आप' के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पार्टी के अंदर कोई व्यापक चर्चा नहीं हुई है। अब देखना होगा कि आखिर विपक्ष क्या पेश करता है। आम आदमी पार्टी के नेता ने संकेत दिया कि यह कांग्रेस के सुझाए उम्मीदवार के साथ नहीं जा सकती है। लेकिन समूचे विपक्ष द्वारा समर्थित उम्मीदवार का समर्थन करने पर सहमत हो सकती है।
कांग्रेस ने पिछले महीने हुई विपक्षी नेताओं की एक बैठक में पार्टी को शरीक होने का न्योता नहीं दिया था। उस बैठक में अपनी व्यस्तता के कारण बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी नहीं पहुंच पाए थे।

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