नोएडा कपड़ा उद्योग के लिए चुनौती बन रहे हैं म्यांमार, वियतनाम और कम्बोडिया
नोएडा-ग्रेटर नोएडा केे कपड़ा निर्यात उद्योग के लिए म्यांमार, वियतनाम, कम्बोडिया नई चुनौती बनकर सामने आ रहेे हैंं।
नोएडा [कुंदन तिवारी]। नोएडा-ग्रेटर नोएडा केे कपड़ा निर्यात उद्योग के लिए म्यांमार, वियतनाम, कम्बोडिया नई चुनौती बनकर सामने आ रहेे हैंं। हालात यह हैं कि इससे निपटने का रास्ता निर्यातकों को सूझ नहीं रहा है।
वित्तीय वर्ष 2016-17 में पहले से ही करीब 20 फीसद निर्यात कम होने का अनुमान अभी से लगाया जा रहा है। इस बात की जानकारी से नोएडा एक्सपोर्ट एपरैल कलस्टर ने उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल को अवगत करा दिया है। बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा से प्रति वर्ष करीब 10 हजार करोड़ रुपये का कपड़ा निर्यात होता है।
कपड़ा निर्यातकों का कहना है कि म्यांमार में मौजूदा समय में सबसे सस्ती लेबर मिल रही है। यहां पर किसी भी कपड़ा निर्यातक को 50 डालर (3500 रुपये) में लेबर उपलब्ध है, जबकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा में 125 डॉलर (8000 रुपये) के वेतन पर लेबर उपलब्ध है।
कम्बोडिया में लेबर और जमीन दोनों सस्ती है। यहां पर यदि कोई उद्यमी 5000 कर्मचारियों के काम करने वाली फैक्ट्री लगाता है, तो उसको नोएडा-ग्रेटर नोएडा के मुकाबले एक चौथाई राशि खर्च करनी पड़ेगी। वियतनाम में लगातार कोरिया और चीन का वर्चस्व बढ़ रहा है। यहां पर दोनों देशों के उद्यमियों ने विश्व की सबसे अत्याधुनिक मशीनों के साथ निवेश कर दिया है। इस कारण अमेरिका-यूरोप से नोएडा-ग्रेटर नोएडा की ओर आने वाले बायर्स का रुझान इस ओर बढ़ चुका है।
निर्यातकों का कहना है कि कपड़ा निर्यात लगातार गिर रहा है, क्योंकि पहले से ही बांग्लादेश व श्रीलंका फ्री ट्रे्रेड एग्रीमेंट के जरिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा में तैयार उत्पाद से 10 से 18 फीसद सस्ता माल अमेरिका-यूरोपीय देशों में भेज रहे। हमारे देश के साथ यह एग्रीमेंट वर्ष 2006 से विचाराधीन पड़ा हुआ है। इन्हीं दोनो देशों की चुनौती के कारण वित्तीय वर्ष 2015-16 में नोएडा-ग्रेेटर नोएडा का कुल कपड़ा निर्यात में करीब 25 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।
नोएडा-ग्रेेटर नोएडा कपड़ा निर्यातकों की स्थित
-नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बड़े, छोटे, मझौले 4000 इकाईयां संचालित हो रही
-नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 700 कपड़ा निर्यातक काम कर रहे हैंं
-नोएडा-ग्रेटर नोएडा से कुल कपड़ा निर्यात 10 हजार करोड़ रुपये
-कपड़ा निर्यात उद्योग से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से नौ लाख लोगों को रोजगार हासिल
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष राजीव बंसल का कहना है कि बायर्स विजिट को आ रहे है, लेकिन काम देने को राजी नहीं है। इसका असल कारण बांग्लादेश व श्रीलंका हैंं। जो लगातार 10 से 18 फीसद सस्ता माल फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत अमेरिका-यूरोपीय देशों को बेच रहे है।
नोएडा एक्सपोर्ट एपरैल कलस्टर के अध्यक्ष ललित ठुकराल ने कहा कि लगातार गिरते कपड़ा उद्योग के कारणों को लेकर पिछले दिनों निर्यात प्रोत्साहन सचिव के साथ बातचीत हो चुकी है। इसकी लिखित जानकारी से पिछले दिनों उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल को भी अवगत करवा दिया है। इसमें सुधार कराने का आग्रह किया है।
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