अनोखी मिसालः अब मुस्लिम शख्स ने बेटी के निकाह में किया गोदान
नूर खां ने इस निकाह में गाय और 51 सौ रुपये श्री श्याम सेवा धाम गोशाला, हसनगढ़ में दान किए। उन्होंने कहा कि बेटी गुलशाना खां बचपन से ही गायों को रोटी खिलाती रही है।
सोनीपत (जेएनएन)। समाज में एक ओर जहां कट्टरवादी सोच के कारण सामाजिक तानाबाना कमजोर पड़ने लगा है, वहीं ऐसे लोग भी हैं जो जाति-मजहब से ऊपर उठकर सामाजिक को मजबूत बनाने में योगदान कर रहे हैं। खरखौदा निवासी मुहम्मद नूर खां ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। उन्होंने अपनी बेटी के निकाह में गोदान कर अनोखी मिसाल पेश की।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश (रामपुर जिले की फुहार तहसील स्थित गांव गडरी वाला मजरा) के निवासी और वर्तमान में खरखौदा में रहने वाले मुहम्मद नूर खां साबरी ने अपनी बेटी का निकाह उत्तराखंड के किला खेड़ा गांव निवासी पप्पू खां के साथ रविवार को संपन्न कराया।
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नूर खां ने इस निकाह में गाय और 51 सौ रुपये श्री श्याम सेवा धाम गोशाला, हसनगढ़ में दान किए। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी गुलशाना खां बचपन से ही गायों को रोटी खिलाती आ रही है। आज भी यह उसकी दिनचर्या में शामिल है। कोई मजहब दूसरे मजहब को नीचा दिखाने का काम नहीं करता।
मेरी सोच है कि अपने धर्म के सम्मान के साथ-साथ दूसरे धर्मों का भी आदर व सम्मान करें, इसीलिए मेरी इच्छा थी कि अपनी बेटी के निकाह में गाय दान करूं। गोदान के अवसर पर मौजूद गो भक्त संत गोपालदास ने कहा कि अच्छे लोग हर जाति व हर धर्म में हैं।
उन्होंने कहा कि बेटी और गाय में कोई फर्क नहीं होता। उन्होंने इस पर साबरी परिवार को बधाई दी और कहा कि कोई भी मजहब किसी से बैर रखना नहीं सिखाता। आज एक मुस्लिम परिवार की शादी में गोदान करना खुद उनके लिए बहुत बड़ा सम्मान है।
श्री श्याम सेवा धाम गोशाला, हसनगढ़ के उपप्रधान संजय दहिया ने भी इस पर खुशी जताई तथा भविष्य में ऐसे और लोगों को भी आगे आने को कहा।
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