JNU विवाद : उमर व अनिर्बान का विवादों से रहा है गहरा नाता - पढ़ें पूरी खबर
यह पहला मौका नहीं है जब अनिर्बान भट्टाचार्य ने अफजल गुरु को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया हो। इसके पूर्व भी उसने जेएनयू कैंपस में इस तरह के कार्यक्रम आयो ...और पढ़ें

नई दिल्ली [अभिनव उपाध्याय] । यह पहला मौका नहीं है जब अनिर्बान भट्टाचार्य ने अफजल गुरु को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया हो। इसके पूर्व भी उसने जेएनयू कैंपस में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किया था। इतना ही नहीं जेएनयू प्रशासन ने उस पर पांच हजार का जुर्माना लगाया था। इस तरह से इनका विवादों से गहरा नाता रहा है।
इस कार्यक्रम के लिए भी किसी अन्य नाम से अनुमति मांगी गई थी। जानकारी के अनुसार जेएनयू प्रशासन ने एक आपत्तिजनक कार्यक्रम करने पर वर्ष 2010 में उमर खालिद पर भी जुर्माना लगाया था।
उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की ओर से आयोजित कार्यक्रम को आपत्तिजनक पाए जाने पर जेएनयू प्रशासन द्वारा आर्थिक जुर्माना लगाए जाने का मामला भी प्रकाश में आया है।
इन दोनों छात्रों की गतिविधियां जेएनयू प्रशासन के संज्ञान में हैं। यही वजह है कि प्रशासन ने इनको कार्यक्रम करने की अनुमति न देने संबंधी एक आदेश विगत वर्ष ही जारी कर दिया था। ऐसे में गत दिनों इनको कार्यक्रम करने की अनुमति कैसे दी गई, इसको लेकर एबीवीपी शिकायत करेगी।
बताया जाता है कि तीन जुलाई 2015 को जेएनयू प्रशासन ने एक प्रशासनिक आदेश जारी किया। इसमें 11 फरवरी 2015 को ताप्ती हॉस्टल के मेस हॉल में अनिर्बान की ओर से आयोजित कार्यक्रम को हॉस्टल वार्डन को गलत जानकारी देकर आयोजित किए जाने का आरोप लगाया गया।
इसलिए प्रशासन ने अनिर्बान के ऊपर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। सूत्रों के अनुसार इस आदेश की संख्या 38-सीपी-2015 है। जेएनयू सूत्रों का कहना है कि महिषासुर शहादत दिवस मनाने के कार्यक्रम के लिए भी किसी परिचर्चा के नाम से अनुमति मांगी गई थी। इस मामले की भी अब जांच होगी।
एबीवीपी करेगी शिकायत
प्राप्त जानकारी के अनुसार उमर खालिद और अनिर्बान को कार्यक्रम करने की अनुमति न देने संबंधी एक आदेश 2015 में जेएनयू के वरिष्ठ अधिकारी ने जारी किया था। इसके बाद भी जेएनयू प्रशासन ने उक्त दोनों को कार्यक्रम करने की अनुमति दी। एबीवीपी ने इस बात पर ऐतराज जताया है और कहा है कि कुछ शिक्षक जानबूझ कर ऐसे कार्यक्रम करने की अनुमति दे रहे हैं, जिससे अस्थिरता फैले।
एबीवीपी के सौरभ कुमार शर्मा का कहना है कि जेएनयू में गत दिनों 9 फरवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की अनुमति देने वाले अधिकारी के खिलाफ एबीवीपी शिकायत करेगी। हम इस मामले में पूरी जांच चाहते हैं, क्योंकि जब मुख्य नियंता ने 2015 में ही उमर खालिद और अनिर्बान द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को लेकर संदिग्धता जताई थी, तो इनको कार्यक्रम करने की अनुमति क्यों दी गई। इसका मतलब है कि कुछ लोग जानबूझकर हालात बिगाडऩा चाहते हैं।

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