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    जेएनयू विवाद : HC ने पुलिस से पूछा- 'आपको पता भी है कि देशद्रोह होता क्या है?'

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Tue, 01 Mar 2016 11:46 AM (IST)

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार कन्हैया कुमार के मुद्दे पर दिल्ली पुलिस दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस घिर गई। कोर्ट ने यहां तक पूछ लिया, 'आपको पता भी है कि देशद्रोह होता क्या है?'

    नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार कन्हैया कुमार के मुद्दे पर दिल्ली पुलिस दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस घिर गई। कोर्ट ने यहां तक पूछ लिया, 'आपको पता भी है कि देशद्रोह होता क्या है?'

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    कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि उसके पास ऐसा कोई वीडियो नहीं है, जिसमें कन्हैया को देश विरोधी नारे लगाते हुए देखा जा सके। इस पर कन्हैया की जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 मार्च तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

    पुलिस जांच पर उठे सवाल

    सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस की जांच व कन्हैया के खिलाफ लगाई गईं धाराओं पर कई सवाल खड़े किए। पुलिस ने कहा कि उसके पास न्यूज चैनल की फुटेज के अलावा ऐसा कोई वीडियो नहीं हैं जिसमें कन्हैया हो। हालांकि, उसके पास कन्हैया के खिलाफ कई गवाह व पोस्टर हैं।

    सिब्बल ने रखा कन्हैया का पक्ष

    सुनवाई शुरू होते ही कन्हैया के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि घटना की रात जेएनयू में मौजूद मुंह ढके हुए कुछ लोगों ने देशविरोधी नारे लगाए थे, उनके मुवक्किल ने नहीं।

    उन्होंने न्यूज चैनल के वीडियो के आधार पर पुलिस द्वारा एफआइआर दर्ज करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कार्यक्रम के दौरान सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी वहां मौजूद थे। ऐसे में जब पुलिसकर्मी घटना के खुद चश्मदीद थे तो उसी दिन एफआइआर क्यों नहीं दर्ज की गई?

    कार्यक्रम में झगड़े की सूचना मिलने पर कन्हैया केवल उसे सुलझाने वहां गया था। कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य ने अर्जी दी थी और वह दोनों पुलिस हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि वीडियो की कोई फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं है जिससे साबित हो सके कि कन्हैया ही देशविरोधीनारे लगा रहा है।

    अदालत ने पूछा, पुलिस के पास क्या हैं साक्ष्य

    अदालत ने पुलिस से सवाल किया कि क्या उसके पास ऐसी कोई सीसीटीवी की फुटेज या मोबाइल रिकार्डिग है जिससे साबित हो सके कि कन्हैया ने ही नारे लगाए थे। क्या पुलिस के पास कार्यक्रम के शुरू होने से पहले या बाद में नारे की कोई वीडियो है।

    इस पर पुलिस ने कहा कि उसके पास एक व्यक्ति द्वारा मोबाइल से बनाया गया वीडियो है, जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन उपकरण न होने से जांच नहीं हो सकी।

    बस्सी ने सुनी थी अंतरआत्मा की आवाज : मेहरा

    दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल राहुल मेहरा ने कन्हैया को जमानत देने का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस के पास उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। सुनवाई के दौरान कन्हैया के चाचा व भाई कोर्ट रूम में मौजूद रहे।

    मेहरा ने तत्कालीन पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी की तारीफ करते हुए कहा कि पहले उन्होंने अपनी अंतरआत्मा की बात सुनी और जमानत का विरोध न करने का फैसला किया, लेकिन अब पुलिस राजनीतिक दबाव में विरोध कर रही है। एलजी अधिसूचना जारी कर पुलिस की पैरवी के लिए अधिवक्ता तुषार मेहता को नियुक्त नहीं कर सकते।

    क्या सो रही थी पुलिस

    अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि कोई ऐसे नारे लगा रहा है जिन्हें अदालत में पढ़ा भी नहीं जा सकता और आपने (पुलिस) कार्यक्रम में मौजूद होते हुए भी कार्रवाई नहीं की। क्यों उसी दिन एफआइआर दर्ज नहीं की गई। एफआइआर के लिए न्यूज चैनल के वीडियो का इंतजार क्यों किया गया। क्या आप सो रहे थे।पुलिसकर्मियों के होते हुए नकाबपोश लोग जेएनयू से बाहर कैसे चले गए।

    धारा 124ए पर हुई बहस

    अदालत में धारा 124ए (देशद्रोह) पर जोरदार बहस हुई। पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों ने इस धारा को सही से नहीं समझा है। कोर्ट ने आगे कहा कि इस धारा में उम्रकैद का प्रावधान है, वहीं इसके अलावा तीन साल सजा या फिर केवल जुर्माना लगाकर छोड़ने का भी नियम है।

    अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वह सीधे तौर पर यह बताए कि मामले में क्या ऐसी गंभीरता है जो इस धारा में एफआइआर दर्ज की गई है।

    कन्हैया लगा रहा था देशविरोधी नारे : पुलिस

    एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले में खुफिया विभाग व पुलिस की जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास मौजूद साक्ष्यों के अनुसार कन्हैया मौके पर मौजूद था और देशविरोधी नारे लगा रहा था।

    मामला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को ट्रांसफर कर दिया गया है। कन्हैया को जमानत दी गई तो देशविरोधी घटनाएं होने का खतरा है।

    उमर-अनिर्बान की हिरासत बढ़ी

    उधर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोपी छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की अदालत ने एक दिन के लिए पुलिस हिरासत बढ़ा दी है। हिरासत की मियाद पूरी होने के बाद सोमवार को दोनों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया।

    पुलिस ने कहा कि उसे आगे की जांच के लिए एक दिन की अतिरिक्त रिमांड की जरूरत पड़ेगी। न्यायाधीश को बताया गया कि हाल ही में मामले की जांच को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सौंपा गया है। लिहाजा, दोनों को एक बार फिर आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है।