दिल्ली फिर शर्मसारः महिलाओं से दुष्कर्म मामलों में पांचवें स्थान पर
दिल्ली में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2013 के मुकाबले वर्ष 2014 में थानों में दर्ज किए गए मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आकड़ों के मुताबिक वर्ष 2013 में दिल्ली में अपराध के 86800 मामले सामने आए
नई दिल्ली। दिल्ली में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, खासकर महिला अपराध। आलम यह है कि पूरे देश में दुष्कर्म की घटना में दिल्ली का स्थान पांचवां है। वर्ष 2013 के मुकाबले वर्ष 2014 में थानों में दर्ज किए गए मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2013 में दिल्ली में अपराध के 86800 मामले सामने आए थे।
वर्ष 2014 में यह संख्या 1 लाख 65 हजार पर पहुंच गई। महिलाओं के प्रति अपराध में भी खासी वृद्धि हुई है। दुष्कर्म के मामले में करीब 35 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2013 में दुष्कर्म के 1440 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं वर्ष 2014 में यह संख्या 2096 पर पहुंच गई।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बढ़े हुए आंकड़े थाने में घटना को हर हाल में दर्ज करने के निर्देश का परिणाम है। केस दर्ज होने के बाद ही अपराधियों पर काबू पाया जा सकता है। आगामी वर्ष में इसका असर दिखेगा।
एनसीआरबी के आकड़े के मुताबिक मध्य प्रदेश में वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा दुष्कर्म की घटना हुई, 5076 मामले दर्ज किए गए। राजस्थान दूसरे, उत्तर प्रदेश तीसरे व महाराष्ट्र चौथे स्थान पर है। सबसे कम घटना लक्षद्वीप में हुई। वहां वर्ष 2014 में दुष्कर्म की एक घटना सामने आई।
अपनों ने ही तोड़ा विश्वास
राजधानी में अपनों ने महिलाओं का विश्वास तोड़ा। दिल्ली में वर्ष 2014 में दुष्कर्म के 2096 मामले में से 2013 घटना में महिला व युवती के जानने वाले थे। 140 घटना में दुष्कर्म करने वाले दादा, पिता, भाई अथवा बेटे, 123 मामलों में परिवार के अन्य सदस्य, जबकि 180 केस में रिश्तेदार थे। वहीं, 409 मामले में दुष्कर्मी पड़ोसी, 78 साथ काम करने वाले सहकर्मी थे।