कन्हैया की गिरफ्तारी में दिल्ली पुलिस ने की गलती! IB की रिपोर्ट में खुलासा
रिपोर्ट में आइबी का कहना है कि सीपीआइ (माओवादी) और सीपीआइ दोनों ही सैधांतिक तौर पर कभी एकसाथ नहीं हो सकते हैं, ऐसे में कन्हैया का इस घटना से जुड़ा होना तर्कसंगत नहीं लगता।
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी को लेकर दिल्ली पुलिस घिरती नजर आ रही है। इस पूरे मामले में आई खुफिया ब्यूरो (आइबी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष पर देश द्रोह का मामला जल्दबाजी में दर्ज किया गया है।
कन्हैया की पेशी में वकील और संबंधित लोग ही रहें कोर्ट मेंः SC
कन्हैया पर देशद्रोह का मुकदमा जल्दबाजी में कियाः IB
ऐसे में गतिविधियों पर शुरू में सख्त रुख अपनाने वाली केंद्र सरकार अब बैक फुट पर आती दिख रही है। सूत्रों पर यकीन करें तो इस पूरे मामले में खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी अंदरूनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया पर देशद्रोह का मुकदमा लगाने में जल्दबाजी की।
कन्हैया का इस घटना से जुड़ा होना तर्कसंगत नहींःIB
सूत्रों की माने तो आइबी का तर्क है कि कन्हैया कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के छात्र संगठन का नेता है। आइबी का कहना है कि सीपीआइ (माओवादी) और सीपीआइ दोनों ही सैधांतिक तौर पर कभी एकसाथ नहीं हो सकते हैं, ऐसे में कन्हैया का इस घटना से जुड़ा होना तर्कसंगत नहीं लगता।
कन्हैया के भाषण में देशद्रोह जैसी बात नहीं!
कन्हैया के भाषण की रिकार्डिंग में देशद्रोह जैसा कोई बयान या नारेबाजी नहीं है। ऐसे में गृह मंत्रालय छात्र नेता की गिरफ्तारी पर अब गंभीरता से गौर कर रहा है। गृहमंत्री ने देशद्रोह के मुकदमे के कानूनी पहलुओं पर विशेषज्ञों से सलाह लेने को कहा है।
वहीं, पुलिस की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि जेएनयू छात्र संघ के गिरफ्तार किये गये अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित 18 छात्र इस कार्यक्रम में मौजूद थे। इस कार्यक्रम के तहत रात करीब साढ़े सात बजे एक घंटे तक साबरमती ढाबा और गंगा ढाबा के बीच मार्च निकाला गया। इसके बाद भीड़ शांतिपूर्ण ढंग से तितर बितर हो गयी।
वहीं, कुछ दिन पहले ही देशद्रोह के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पहले दी गई व्यवस्था का हवाला देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने आज कहा था कि सिर्फ भारत विरोधी नारे लगाने से कोई देशद्रोही नहीं हो जाता और इस आधार पर जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का मामला नहीं चल सकता।
सिर्फ नारे लगाने से कोई देशद्रोही नहींः SC
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि जवाहर लाल नेहरू विश्विविद्यालय (जेएनयू) के छात्रसंघ के अध्यक्ष पर भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप है। कुछ वर्ष पहले खालिस्तान के समर्थकों ने देश विरोधी नारे लगाए थे और उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी व्यवस्था देते हुए कहा था कि सिर्फ नारे लगाने से कोई देशद्रोही नहीं हो जाता है।
उन्होंने कहा कि यदि इन नारों के दौरान हिंसा होती है अथवा देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है तो फिर ऐसा करने वाले व्यक्ति पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जा सकता है।
उनका कहना था कि वह किसी का बचाव नहीं कर रहे हैं बल्कि उनका मानना है कि देशद्रोहियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जेएनयू स्वायत्त संस्था है। वहां के कुलपति को इस मामले की जांच का काम सौंपा जाना चाहिए और उसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में सालिसिटर जनरल रहे सोली सोराबजी ने भी कहा है कि देशद्रोह गंभीर मामला है। जब तक इस मामले में किसी तरह की ङ्क्षहसा जुड़ी नहीं होती तब तक किसी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।