कहीं आतंकियों के कब्जे में तो नहीं हैं देश के सूफी मौलाना, डरे हुए हैं रिश्तेदार
पाकिस्तान में इस समय जो माहौल सूफी विचार धारा के खिलाफ बना हुआ है, उससे पाकिस्तान में पीरजादों के रिश्तेदार इतने डर गए हैं कि वह पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करवा रहे हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। हजरत निजामुद्दीन दरगाह के पीरजादों के लापता होने को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं। दरगाह के जानकारों की मानें तो पीरजादे आतंकियों के कब्जे में भी हो सकते हैं, क्योंकि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में लोग कट्टरपंथी सूफी विचारधारा के खिलाफ हैं।
यही वजह है कि कुछ समय पहले ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में शहबाज मस्त कलंदर की दरगाह पर कट्टरपंथियों ने आत्माघाती हमला करके बड़ी संख्या में बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इससे पहले भी वहां पर कई हमले हो चुके हैं।
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दरगाह के लोगों की मानें तो पाकिस्तान में आसिफ निजामी और नाजिम निजामी जब दरगाह पर जियारत के लिए गए थे तो उस समय एक निजी चैनल को कट्टरपंथियों के खिलाफ एक बयान दिया था, एक वजह यह भी उनके गायब होने की बताई जा रही है। इस बात की पुष्टी जब पीरजादों के परिवारवालों से की गई तो उन्होंने ऐसी कोई बात होने से इन्कार किया।
पकिस्तार में डरा परिवार
पाकिस्तान में इस समय जो माहौल सूफी विचार धारा के खिलाफ बना हुआ है, उससे पाकिस्तान में पीरजादों के रिश्तेदार इतने डर गए हैं कि वह पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करवा रहे हैं। दिल्ली में रहने वाले पीरजादों के परिवार वालों ने बताया कि पाकिस्तान के रिश्तेदारों को अपनी जान का भी डर सता रहा है, वह न तो पुलिस से ही सहयोग ले पा रहे हैं और न ही पाकिस्तान की सरकार से।
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