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    आज आने वाले पांच राज्यों के परिणाम से तय होगी दिल्ली की सियासत

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Sat, 11 Mar 2017 12:40 PM (IST)

    चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में नहीं रहने पर विरोधियों के हमले तेज हो जाएंगे। वहीं, पंजाब व गोवा में यदि AAP जीतती है तो उसका दिल्ली नगर निगम चुनाव प्रचार में लाभ मिलेगा।

    आज आने वाले पांच राज्यों के परिणाम से तय होगी दिल्ली की सियासत

    नई दिल्ली (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम दिल्ली की सियासत को भी प्रभावित करेगा। इसका सीधा असर अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगमों के चुनाव पर भी पड़ना तय है। इसलिए दिल्ली के नेताओं की धड़कनें भी तेज हो गई हैं। सभी दिल थामकर शनिवार को आने वाले चुनाव परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।

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    दिल्ली की सियासत में सक्रिय तीनों प्रमुख पार्टियां आम आदमी पार्टी, भाजपा व कांगेस इन चुनावों से भागीदारी कर रही है। भाजपा व कांग्रेस सभी पांचों राज्यों में तो आम आदमी पार्टी पंजाब व गोवा में भाग्य आजमा रही है। इन चुनावों में दिल्ली के नेताओं ने भी खूब पसीना बहाया है।

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    मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य पंजाब व गोवा में कई महीने से मेहनत कर रहे थे। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सहित दिल्ली के अन्य नेताओं ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया है।

    मनोज तिवारी ने उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा चुनावी सभाएं की हैं तो प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू उत्तराखंड के भी प्रभारी हैं। इसी तरह से कांग्रेस के नेताओं ने भी इन राज्यों में चुनाव प्रचार किया है। इसलिए कहीं न कहीं इन नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।

    इसके साथ ही अप्रैल में दिल्ली नगर निगम चुनाव होना है जिसकी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने राहुल गांधी की रैली आयोजित कर चुनाव प्रचार में तेजी ला दी है। आम आदमी पार्टी ने अधिकतर प्रत्याशियों की सूची जारी करने के साथ ही वार्डो में प्रचार अभियान शुरू कर दिया है।

    वहीं, भाजपा भी कार्यकर्ता सम्मेलन के नाम पर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रही है। पांचों राज्यों का चुनाव परिणाम इन पार्टियों के चुनाव प्रचार की रणनीति को भी प्रभावित करेगी। यदि भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहता है तो वह इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की लोकप्रियता बताते हुए इसे दिल्ली में भुनाने की पूरी कोशिश करेगी। इससे कार्यकर्ताओं का उत्साह भी बढ़ेगा।

    वहीं, चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में नहीं रहने पर विरोधियों के हमले तेज हो जाएंगे। दूसरी ओर, पंजाब और गोवा में यदि आम आदमी पार्टी जीतती है तो उसका दिल्ली नगर निगम चुनाव प्रचार में लाभ मिलेगा। इससे न सिर्फ भाजपा की परेशानी बढ़ेगी, बल्कि दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन तलाश रही कांग्रेस की मुश्किलें भी बढ़ेंगी।

    दूसरी ओर यदि पंजाब व अन्य राज्यों में कांग्रेस को जीत मिलती है तो उसके कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा जिससे चुनाव प्रचार अभियान में तेजी आएगी। इस वजह से तीनों ही पार्टियों के नेता बेसब्री से शनिवार की सुबह का इंतजार कर रहे हैं।