रामजस कॉलेज विवाद: मारपीट के अलावा दंगा करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज
पुलिस ने मामले में स्वत: संज्ञान लेकर अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मारपीट करने, पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने व ड्यूटी के दौरान मारपीट के अलावा दंगा करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
नई दिल्ली [जेएनएन]। देशद्रोह के आरोपी व जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र उमर खालिद को डीयू के रामजस कॉलेज में बुलाने को लेकर शुरू हुआ विवाद बुधवार को झड़प और पत्थरबाजी के रूप में सामने आया था।
बृहस्पतिवार को मामला शांत रहा। पुलिस के कड़े बंदोबस्त के कारण पूरे नॉर्थ कैंपस में स्थिति नियंत्रण में रही। दिल्ली पुलिस ने मामले में स्वत: संज्ञान लेकर अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मारपीट करने, पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने व ड्यूटी के दौरान मारपीट के अलावा दंगा करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
वामपंथी छात्र संगठन आइसा व एबीवीपी छात्रनेता की शिकायत पर मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। दोनों संगठनों ने एक-दूसरे के खिलाफ मौरिस नगर थाने में शिकायत दी थी। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने जांच के लिए केस को क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया है। पटनायक ने आला अधिकारियो को मामले को पूरी तरह से नियंत्रण में रखने के निर्देश दिए।
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विशेष आयुक्त व दिल्ली पुलिस प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने कहा कि अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। आठ पुलिसकर्मियों समेत 25 छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं। जो वीडियो सामने आए है, उनकी जांच की जाएगी। छात्र-छात्राओं से अपील है कि शांति बनाए रखें।
सूत्रों के मुताबिक रामजस विवाद में पुलिस की विफलता सामने आने पर गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आइबी व खुफिया विभाग की भी बड़ी चूक की बात कही जा रही है। नॉर्थ कैंपस पर दोनों यूनिटों के छह अधिकारी नियमित नजर रखते है। उन्हें भी जानकारी नहीं मिली कि छात्र संगठनों में हिंसक झड़प हो सकती है।
मौरिस नगर की थानाध्यक्ष आरती शर्मा ने एफआइआर में कहा है कि 21 व 22 फरवरी को रामजस कॉलेज में भारी पुलिस बल की तैनाती थी। आइसा ने कॉमन स्टूडेंट टीचर्स मार्च कार्यक्रम का आयोजन किया था। 21 फरवरी को लिटरेचर डिपार्टमेंट इवेंट में जेएनयू छात्र उमर खालिद के आने का एबीवीपी ने विरोध किया।
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पुलिस को सूचना थी कि दोनों पक्ष झगड़ा कर सकते हैं। पुलिस को चकमा देकर दोनों संगठनों के छात्र कैंटीन के पास पहुंच गए और गाली गलौच व हाथापाई करने लगे। उसी दौरान कॉलेज के मेन गेट पर वामपंथी संगठन के करीब 150 छात्र-छात्राएं इकट्ठा हो गए और एबीवीपी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। उसी दौरान कॉलेज के अंदर से बड़ी संख्या में छात्र दीवार कूदकर बाहर आ गए और उन लोगों ने भी वामपंथी छात्र संगठनों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों गुट एक दूसरे से भिड़ गए। पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट कर दोनों पक्षों का झगड़ा शांत कराने की कोशिश की। झगड़े में पुलिसकर्मियों के अलावा दोनों पक्ष के छात्र-छात्राओं को चोट आई। छात्रों ने एक दूसरे पर अंडे व पत्थर फेंके।
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