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    UP: एक महीने से पिता ने घर में रखा है अपनी बेटी का शव!

    अपनी बेटी से बेइंतेहां लगाव व न्याय की आस में मौत के एक महीने बीतने के बाद भी पिता ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया है।

    By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 23 May 2016 09:16 AM (IST)

    नोएडा। इसे मानसिक बीमारी कहें या फिर अपनी बेटी से बेइंतेहां लगाव कि मौत के एक महीने बीतने के बाद भी पिता ने अपनी बेटी का अंतिम संस्कार नहीं किया है। अपनी बेटी के शव को पिता ने अपने घर में मिट्टी का लेप लगाकर रखा है। रितु यादव के चाचा दीपांकर सिंह यादव ने बताया कि वह मुख्यमंत्री से मांग कर रहे हैं कि पैनल से रितु के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए। दोबारा पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों खासकर पिता ने रितु का शव घर के पास ताबूत में बंद कर रखा है।

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    UP की छात्रा ने 17वीं मंजिल से लगाई मौत की छलांग

    बेटी ने की थी खुदकुशी, पिता बोले, 'हुई है हत्या'

    पूरा मामला ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया कॉलेज की बीटेक प्रथम वर्ष की छात्रा का है। एक महीने पहले छात्रा रितु यादव ने इमारत से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली थी। वहीं पिता का कहना है कि इस मामले में कासना कोतवाली पुलिस हत्या का केस दर्ज करे। उसकी बेटी ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उसे बिल्डिंग से धकेला गया था।

    रितु यादव खुदकुशी मामले में चार सहेलियां जेल में हैं बंद

    यहां पर याद दिला दें कि मृतका की चार सहेलियां जेल में बंद हैं। छात्रा का एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए सहेलियों को जिम्मेदार ठहराया था। रितु यादव यहां गलगोटिया कालेज में बीटेक प्रथम वर्ष की छात्रा थी और कासना कोतवाली क्षेत्र में स्थित एनआरआइ सिटी में में रहती थी।

    रितु ने 17वीं मंजिल से कूदकर दी थी जान

    रितु यादव ने 20 अप्रैल को 17वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। आरोप है कि 16 अप्रैल को छात्र जगतफार्म स्थित एक डिपार्टमेंटल स्टोर गई थी और वहां से उसने 80 रुपये की क्रीम चुराई थी। इसके बाद उसकी सहेलियों ने उसको भला-बुरा कहा था। यह बात वह बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने आत्महत्या कर ली थी।

    वहीं, छात्रा के पिता बिसंभर सिंह बेटी की मौत को आत्महत्या मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि कई डाक्टरों से परामर्श लेने के बाद यह पता चला है कि बेटी को जब 19 अप्रैल की रात डांटा गया था, तो उसने 20 अप्रैल की सुबह आत्महत्या क्यों की?

    डाक्टरों के मुताबिक यदि किसी को आत्महत्या करना होता है तो वह तत्काल इसका निर्णय लेता है। समय बीतने पर गुस्सा शांत हो जाता है। उनकी बेटी को बिल्डिंग से धक्का देकर मारा गया है। पिता का कहना है कि जब तक हत्या की रिपोर्ट दर्ज नहीं होती तब तक वह बेटी की अंत्येष्टि नहीं करेंगे। उन्होंने बेटी के डिपार्टमेंटल स्टोर से चोरी की घटना को भी नकारा।