फरीदाबाद भी बनेगा 'स्मार्ट', फास्ट ट्रैक स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल
केंद्र सरकार ने औद्योगिक नगरी फरीदाबाद को 13 नए फास्ट ट्रैक स्मार्ट शहरों में शामिल कर लिया है। इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 स्मार्ट शहरों में फरीदाबाद शामिल नहीं हो पाया था।
फरीदाबाद। केंद्र सरकार ने औद्योगिक नगरी फरीदाबाद को 13 नए फास्ट ट्रैक स्मार्ट शहरों में शामिल कर लिया है। इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 स्मार्ट शहरों में फरीदाबाद शामिल नहीं हो पाया था। फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के दृष्टिगत नगर निगम फरीदाबाद ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास अंतिम अपग्रेडेड स्मार्ट सिटी प्रस्ताव (एससीपी) जमा करवाया था।
‘फास्ट ट्रैक सिटीज़’ के तहत चयनित किए जाने वाले शहरों के संबंध में आज सुबह केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम.वैंकेया नायडू ने घोषणा की।
संशोधित स्मार्ट सिटी प्रस्ताव 2600.01 करोड़ रुपये की लागत से निवासियों के परामर्श, विवरण जुटा कर तथा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठकों के बाद तैयार किया गया था। फरीदाबाद को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी के लिए फास्ट ट्रैक सिटी के रूप में चुना गया था।
संशोधित स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में ट्रांजिट ओरियंट डेेवलपमेंट तथा स्मार्टर मोबिलिटी और सामाजिक तथा पर्यावरणीय लाभों के लिए शहरीकरण के माध्यम से आर्थिक प्रभाव सृजित करने का विजन स्टेटमेंट शामिल है।
संशोधित स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में क्षेत्र आधारित प्रस्ताव भी शामिल हैं। इसके अंतर्गत, आवासीय, वाणिज्कि, संस्थागत, औद्योगिक, मलिन बस्तियों और शहरी गांवों को आकर्षित करने के लिए फै्रंड्स कॉलोनी तथा कारखाना बाग समेत सेक्टर- 20 के साथ लगती 1267 एकड़ का क्षेत्र, संत नगर तथा अजरौंदी गांव समेत सेक्टर- 20 ए, गांव फतेहपुर चंदेला समेत सेक्टर- 21 बी, साथ लगती कॉलोनियों एसजीएम नगर एफ तथा जी ब्लॉक और इंदरा एन्कलेव, समेत सेक्टर- 21 डी, शास्त्री कॉलोनी, गोपी कॉलोनी, शिव कॉलोनी, राजा गार्डन, बाबा नगर, एनएच-5 निशुन हट, समेत सेक्टर- 19 का प्रस्ताव है। इसमें 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर आधारित लगभग 37000 की आबादी होगी।
स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में पैदल यात्री पथ तथा गैर-वाहन परिवहन और विवेकपूर्ण यातायात प्रबन्धन प्रणाली का समावेश करके स्मार्ट मोबिलिटी शामिल है, जिसमें अधिकतम यातायात प्रवाह के लिए सिंक्रोनाइज्ड ट्रैफिक सिगनल्स, विवेकपूर्ण कार पार्किंग प्रणाली, स्मार्ट साइनेज, स्मार्ट आटो तथा टैक्सी स्टेंड और पब्लिक बाइक शेयरिंग सिस्टम शामिल है।
इसके अतिरिक्त, संशोधित स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में स्मार्ट नागरिक अवसंरचना भी शामिल की गई है। इसमें बडखल झील के पुनरोद्धार के लिए अशुद्ध पानी के पुन: प्रयोग हेतु विकेन्द्रीकृत सीवेज ट्रीटमैंट प्लांट तथा अशुद्ध पानी की रीसाइकिलिंग, बरसाती पानी का संग्रहण, लीक मैनेजमैंट, नैटवर्क में प्रवाह, स्तर तथा प्रैशर की एससीएडीए-आधारित निगरानी तथा केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष, आटोमेटिड ऑनलाइन जल गुणवत्ता निगरानी प्रणाली, सीवरेज नैटवर्क अवसंरचना का सुधार, स्मार्ट शौचालयों का प्रावधान तथा स्मार्ट ठोस कचरा प्रबन्धन, वाई-फाई, भूमिगत केबल, सोलर रूफ टॉप तथा एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग शामिल है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव अनिल कुमार ने बताया कि बताया कि स्मार्ट शहरीकरण के तहत टीओडी, बडखल झील के निकट सप्ताहांत इको टूरिज्म, स्मार्ट शहरी गांव, ओपन एयर जिम्रेजियम, मल्टीमाडल हब तथा मलीन बस्तियों में मूलभूत सेवाओं का प्रावधान शामिल है।
पैन-सिटी साल्यूशन्स के शीर्ष के तहत, यातायात प्रबन्धन प्रणाली की विशेषताओं वाला स्मार्ट ट्रैफिक तथा ट्रांजिट मैनेजमैंट सिस्टम, यातायात नियम उल्लंघन का पता लगाने वाली प्रणाली, स्मार्ट पार्किंग प्रबन्धन प्रणाली, यात्री सूचना प्रणाली तथा जर्नी प्लानर, ई-व्हीकल माड्यूल, फरीदाबाद ट्रैफिक तथा ट्रांजिट आपरेशन और प्रबंधन केंद्र शामिल किए गए हैं।
संशोधित स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में शामिल किए गये अन्य सुझावों में हाउसकीपिंग सुविधाओं वाले सार्वजनिक निजी भागीदारी पद्धति पर स्काइवाक-वेज तथा मैट्रो तथा रेलवे स्टेशनों के साथ जुड़े स्माल वैंडिंग क्योसक, फुटपाथ के रूप में पैदल यात्री पथ, अलग-अलग एनएमटी लेन, ओपन एयर जिम्रेजियम तथा प्रदूषण को कम करने और ‘ग्रीन फरीदाबाद’ विकसित करने के उद्देश्य से राजमार्गों तथा सडक़ों के साथ-साथ सघन पौधारोपण शामिल है।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र आधारित विकास के लिए 2108 करोड़ रुपये, स्मार्ट मोबिलिटी इनिशिएटिव के लिए 377.67 करोड़ रुपये, स्मार्ट तथा टिकाऊ नागरिक अवसंरचना पहलों के लिए 543.63 करोड़ रुपये, स्मार्ट शहरीकरण के लिए 1186.70 करोड़ रुपये तथा पैन-सिटी सोल्यूशन के लिए 469.68 करोड़ रुपये का कुल प्रस्तावित व्यय शामिल है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न परियोजनाओं को चिह्नित किया गया है, जिसमें उनके ऑपरेशन से सीधे राजस्व का क्रियान्वयन, प्रतिवर्ष 39.12 करोड़ रुपये का रैंटल राजस्व भी शामिल है। पब्लिक पार्किंग राजस्व प्रतिवर्ष अनुमानित 6.20 करोड़ किया गया है और भूमि मुद्रीकरण प्रोत्साहन 428.38 करोड़ रुपये का एक मुश्त राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा रहा है।
उन्होंने कहा कि संशोधित स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में लखनऊ के शहरी और पर्यावरण अध्ययन क्षेत्रीय केन्द्र के प्रतिनिधियों की प्रतिक्रियाएं भी शामिल की गई हैं। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सुझावानुसार शहरी और पर्यावरण अध्ययन क्षेत्रीय केन्द्र एक हैंडहोल्डिंग और मैंटरिंग संस्थान है जो फास्ट टै्रक शहरों के लिए एक विशेष प्रस्ताव तैयार करता है, जिसमेंं 19 अप्रैल 2016 को संशोधित स्मार्ट सिटी प्रस्ताव की चर्चा अन्तर-विभागीय टास्क फोर्स समिति के सदस्यों की कार्यशाला आयोजित करके करवाई गई है।
पहली सूची जनवरी में जारी की गई थी, जिसमें दिल्ली, जयपुर अहमदाबाद सहित 20 शहरों को शामिल किया गया था, वहीं दूसरी सूची में फरीदाबाद, चंडीगढ़, लखनऊ जैसे शहरों के भाग्य का फैसला होना था।
ट्रैक प्रतियोगिता के जरिये चयन
स्मार्ट सिटी का चयन फास्ट ट्रैक प्रतियोगिता के द्वारा किया गया है। तकरीबन एक महीने तक चली इस प्रतियोगिता में 23 शहरों ने हिस्सा लिया था, जिसमें फरीदाबाद, रायपुर, भागलपुर, शिलांग, कोहिमा, वारगंल, गोवा, पसीघाट (अरुणाचल प्रदेश), धर्मशाला, नामची (सिक्किम), पोर्ट ब्लेयर, दीव-दमन, सिल्वासा, चंडीगढ़, लखनऊ, न्यू टाउन कोलकाता, इंफाल, रांची, अगरतला, कावित्री (लक्ष्यद्वीप), पुड्डुचेरी और देहरादून रेस में शामिल हैं।
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