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दिल्ली की सबसे बड़ी लूट का खुलासा, ड्राइवर ने अकेले लूटी थी 22.5 करोड़ की कैश वैन

देश की राजधानी दिल्ली में कैश वैन लूट में पुलिस ने आज तड़के ड्राइवर प्रदीप शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया। उसने 22.5 करोड़ रुपये की इतनी बड़ी लूट को को अकेले ही अंजाम दिया था।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2015 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2015 04:56 PM (IST)
दिल्ली की सबसे बड़ी लूट का खुलासा, ड्राइवर ने अकेले लूटी थी 22.5 करोड़ की कैश वैन

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में सबसे बड़ी साढ़े 22 करोड़ की लूट के मामले में दिल्ली पुलिस ने मास्टर माइंड ड्राइवर प्रदीप शुक्ला को आज तड़के गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रुपये से भरे सभी ट्रंक भी बरामद कर लिए गए, जिसमें से मात्र 11 हजार रुपये ही कम मिले।

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22.5 करोड़ की लूट ने खोली सुरक्षित दिल्ली की पोल

ड्राइवर ने ओखला के ही एक गोदाम के अंदर ही यह रकम छिपाकर रखी थी।

इसके बाद वैन को गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी करके वह गोदाम में आकर सो गया। पुलिस ने 11 हज़ार रुपये के अलावा सारी रकम बरामद कर ली है।

कल शाम करीब 4 बजे वारदात को अंजाम देने वाले ड्राइवर को दिल्ली पुलिस ने 12 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार ड्राइवर मूलतः यूपी के बलिया का रहने वाला है और साउथ दिल्ली के हरकेश नगर में परिवार के साथ रहता है। पुलिस के सीनियर ऑफिसर से मिली जानकारी के अनुसार, जब कल शाम को सिक्योरिटी कम्पनी की तरफ से साढ़े 22 करोड़ की लूट की सूचना मिली, तो मौके पर छानबीन के बाद तुरंत डीसीपी एम् एस रंधावा की देखरेख में 5 टीम बनाई गयी।

इसमें ओखला के एसएचओ नरेश सोलंकी, सरिता विहार एसएचओ मनिन्द्र सिंह, अमर कालोनी एसएचओ अरविन्द कुमार, स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर नरेश कुमार, ओखला चौकी इंचार्ज गुरजीत व हेड कांस्टेबल जितेंद्र की टीम बनाई गई।

टीम के छानबीन शुरू करने पर गाड़ी में लगे जीपीएस की जांच से पता चला कि गाड़ी ओखला के उस इलाके में भी गई जहां उसका रूट नहीं था। जिसपर पुलिस का शक बढ़ गया।

ग्रेटर कैलाश फाइरिंग में था क्म्प्लेनेंट
इस बीच हेड कांस्टेबल जितेंद्र को यह पता चल गया कि यह वही ड्राइवर है जो ग्रेटर कैलाश में पार्किंग विवाद में हुए फाइरिंग में क्म्प्लेनेंट था। बस पुलिस की जांच और तेज हो गई।

यह भी पता चल गया कि वह हरकेश नगर में ही रहता है। फिर लोकेशन के आधार पर जांच करती पुलिस ओखला के उस गोदाम तक पहुंच गई, जहां ड्राइवर प्रदीप शुक्ल अंदर बैठा शराब पी रहा था और पुलिस ने उसे धर दबोचा।

कई दिनों से था लूट की फ़िराक में
पूछताछ के बाद पता चला कि यह कई दिनों से इस लूट की वारदात को अंजाम देने की फ़िराक में था। मौका नही मिल रहा था, क्योंकि उसके साथ 2 और लोग रहते थे।

गोदाम के केयर टेकर को दिया धोखा
आरोपी मास्टर माइंड प्रदीप शुक्ला गाड़ी लेकर ओखला सी ब्लोक स्थित उस पुराने गोदाम के पास गया जहां पहले गाड़ियां रखी जाती थीं। वहां मौजूद बुज़ुर्ग केयर टेकर राम सूरत ने बताया कि उसे प्रदीप ने बताया की गांधी नगर से पन्नी खरीदकर लाया हूं, इसे बनारस लेकर जाना है।

यह झांसा देकर सारे ट्रंक उतार कर गोदाम में रख दिए। फिर कैश वेन लेकर गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास छोड़कर फरार हो गया। फिर रात के नौ बजे वापस उसी गोदाम में आ गया, तब राम सूरत ने पूछा भी तो वह बोला अभी ट्रांसपोर्ट बंद हो गया होगा।

11 हजार किये प्रदीप ने खर्च
पुलिस का कहना है कि इसने 11 हजार रुपये खर्च भी किए और वापस आकर गोदाम में शराब पीने लगा, तभी यह पकड़ा गया। इसकी पत्नी इस गोदाम में काम करने आती थी और उसी दौरान केयर टेकर राम सूरत की जान पहचान प्रदीप शुकला से हो गई थी।

मेहनत के हिसाब से नहीं मिलता था पैसा
ड्राइवर ने यह भी पुलिस को बताया है कि जितनी मेहनत से वह काम करता था, उतनी पगार नहीं मिलती थी। कल मौका मिलते ही वारदात को अंजाम दे दिया।

जीपीएस से मिला पुलिस को फायदा
यदि कैश वेन में जीपीएस सिस्टम नहीं लगा होता तो लूट के इस मामले को सुलझाने में शायद और वक्त लग जाता, क्योंकि जीपीएस से पुलिस को पता चल गया था कि गाड़ी किस इलाके में गई और कहां इसका रूट नही था?

यहां याद दिला दें कि गोविंदपुरी इलाके में कल निजी सिक्योरिटी कंपनी का कैश वैन चालक वैन सहित उसमें रखे 22.5 करोड़ रुपये लूटकर फरार हो गया था।

दिल्ली की अब तक की यह सबसे बड़ी लूट बताई जा रही है। ये रुपये एक्सिस बैंक के थे, जिसे दूसरी शाखा में भेजा जा रहा था। वारदात के समय वैन में मौजूद सुरक्षाकर्मी पेशाब करने नीचे उतरा था।


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