आप ने उठाए CAG की निष्पक्षता पर सवाल, 'सिर्फ हमारी ही जांच क्यों'
डेंगू के इलाज व रोकथाम आदि पर खर्च किए गए पैसे आदि के ऑडिट का पत्र मिलने पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कैग से सवाल पूछा है। उन्होंने पूछा है कि केवल दिल्ली सरकार की ही जांच क्यों हो रही है?
नई दिल्ली। डेंगू के इलाज व रोकथाम आदि पर खर्च किए गए पैसे आदि के ऑडिट का पत्र मिलने पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कैग से सवाल पूछा है। उन्होंने पूछा है कि केवल दिल्ली सरकार की ही जांच क्यों हो रही है?
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गौरतलब है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने 22 सितंबर को भेजे गए पत्र में डेंगू को लेकर दिल्ली सरकार का ऑडिट करने की बात कही है।
इस मामले को लेकर उन्होंने कैग को पत्र लिखा है। जैन ने पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार के साथ-साथ तीनों नगर निगमों व नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) कीभी जांच कैग को करनी चाहिए।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि दिल्ली में दूसरे राज्यों की अपेक्षा डेंगू से मरने वाले मरीजों की संख्या कम है। अन्य राज्यों में डेंगू को लेकर हालात और भी खराब हैं। तो क्या ऐसे राज्यों की भी जांच होगी ? जैन ने कहा है कि वह कैग की जांच का स्वागत करते हैं।
डेंगू मामले में बेहतर प्रयास के बीच यदि कुछ चूक रह गई होगी तो वह सामने आएगी। इससे हमें सीखने का मौका मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार के अस्पतालों में डेंगू के मरीज को भर्ती नहीं करने पर कई मरीजों की मौत हो चुकी है। तो क्या दिल्ली सरकार के अलावा दूसरी एजेंसियों का ऑडिट नहीं होना चाहिए।
वहीं, यदि डेंगू मच्छर की उत्पत्ति रोकने तथा मच्छरों के खात्मे की बात है तो यह जिम्मेदारी नगर निगमों व एनडीएमसी के पास है।
ऐसे में ऑडिट में तीनों नगर निगमों व एनडीएमसी को भी शामिल किया जाना चाहिए। जैन ने पत्र में आगे कहा है कि खबरों के अनुसार अभी तक हरियाणा में 40, उत्तर प्रदेश में 50 लोग डेंगू से मरे हैं, जबकि दिल्ली में डेंगू से मरने वालों की संख्या नगर निगम के अनुसार 17 है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केजरीवाल सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी कि डेंगू की रोकथाम आदि के लिए विधायक अब दस लाख रुपये तक की धनराशि खर्च कर सकेंगे।