Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेक्स रैकेट: GB रोड से रोजाना करते थे 10 लाख की कमाई, पति-पत्नी गिरफ्तार

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Wed, 31 Aug 2016 07:44 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रेड लाइट एरिया GB रोड पर कोठा चलाने वाले एक बड़े सेक्ट रैकेट का खुलासा किया है। मामले में पुलिस ने पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है।

    नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मानव तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मानव तस्करी के आरोप में लिप्त आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब मानव तस्करी को लेकर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है। ज्वाइंट सीपी रविंद्र यादव ने पत्रकार वार्ता में कहा कि ये रैकेट लड़कियों को अगवाकर उन्हें वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल देता थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली पुलिस ने जीबी रोड पर छह कोठे चलाने वाले आफाक हुसैन और उसकी पत्नी सायरा को गिरफ्तार किया है। इसके 6 कोठों में 40 कमरे हैं, जिनमें करीब 250 लड़किया थीं। क्राइम ब्रांच ने आफाक और उसकी पत्नी को एक हफ्ते पहले गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपी अभी रिमांड पर हैं। पुलिस टीम ने इनके साथ छह और लोगों को गिरफ्तार किया है।

    सूरज ढलते ही GB रोड पर शुरू हो जाता है दौलत लुटाने का खेल

    आफाक हुसैन और सायरा बानो से इसकी मुलाकात कोठे पर ही हुई थी। इसके बाद दोनो ने शादी कर ली। फिर दोनों इसी धंधे में लग गए। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, आफाक की रोज की कमाई 10 लाख से ऊपर थी। इसका पूरा गिरोह है, जिसमें अधिकतर लड़कियां पश्चिम बंगाल, झारखंड, नेपाल, बिहार से लाई जा रही थीं। कोठों में लड़कियों को कंट्रोल करने के लिए महिलाएं तैनात थीं, जिन्हें नायिकाएं कहा जाता है।

    ड्राइवर रखता था कमाई का हिसाब

    आफाक का ड्राइवर रमेश पंडित लड़कियों की कमाई का हिसाब रखता था। सिंडिकेट में मैनेजर का नाम सरफराज है, जो फरार है। इन लोगों के अकाउंट में करोड़ों रुपये जमा हैं। दिल्ली और एनसीआर में इनकी कई संपतियां हैं।गैंग के कई लोग अब भी फरार हैं। पुलिस ने चार गाड़ियां भी जब्त की हैं।

    GB रोड का सच, जिस्म बेचने के बाद भी मयस्सर नहीं दो वक्त की रोटी

    क्या है मकोका ?

    - महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था। इसका मुख्य मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना था।

    - 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया। फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली में यह कानून लागू है।

    - इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं, मामले शामिल हैं।

    नशे का इंजेक्शन लगाकर GB रोड तक पहुंचाई जाती हैं लड़कियां