कांग्रेस से सीखा राजनीतिक ककहरा, आप से विधायक बने जितेंद्र सिंह तोमर
दिल्ली सरकार में कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में वह त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और निर्वाचित हुए। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार को पराजित किया। तोमर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी हैं।
नई दिल्ली । दिल्ली सरकार में कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में वह त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और निर्वाचित हुए। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार को पराजित किया। तोमर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी हैं। यही वजह है कि केजरीवाल ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है, लेकिन तोमर लगातार विवादों में रहे हैं।
राजनीतिक करियर
दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की। कांग्रेस में राजनीति का ककहरा सीखने के बाद वर्ष 2013 में तोमर आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार से हार गए। इसके बाद वर्ष-2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में तोमर ने त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। जितेंद्र सिंह तोमर की काबिलियत के चलते अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया।
वकालत से शुरू किया करियर
जितेंद्र सिंह तोमर ने अपने करियर की शुरुआत वकालत से की। फर्जी डिग्री विवाद के चलते चर्चा में आए जितेंद्र सिंह तोमर दिल्ली बार काउंसिल के सदस्य भी हैं। हालांकि, वह स्वतंत्र रूप से वकालत करते हैं। हालांकि राजनीति में उनकी दिलचस्पी छात्र जीवन से ही रही है। सबसे पहले उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। बाद में आप के अस्तित्व में आने के बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।
फर्जी डिग्री विवाद
जितेंद्र सिंह तोमर आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक तोमर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी हैं। यही वजह है कि केजरीवाल ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है, लेकिन तोमर लगातार विवादों में रहे हैं।
फर्जी डिग्री विवाद के चलते चर्चा में आए जितेंद्र सिंह तोमर दिल्ली बार काउंसिल के सदस्य भी हैं। हालांकि, वह स्वतंत्र रूप से वकालत करते हैं।
शपथ पत्र सही या डिग्री !
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के दौरान उन्होंने अपने शपथ पत्र में एलएलबी की डिग्री का उल्लेख किया था। शपथ पत्र के मुताबिक, कानून की डिग्री उन्होंने तिलका मांझी, भागलपुर विश्वविद्यालय (बिहार) से ली है। हालांकि, इस डिग्री को लेकर उनपर आरोप लगा है कि डिग्री ही फर्जी है। इसको लेकर हाईकोर्ट में मामला भी चल रहा है। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी तरफ से कह चुका है कि तोमर ने हमारे संस्थान से डिग्री नहीं ली है। फर्जी डिग्री मसले पर जितेंद्र सिंह तोमर कह चुके हैं कि उन्होंने लॉ की डिग्री चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से ली है।
बीएससी की डिग्री पर भी उठे सवाल !
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री पर स्नातक की डिग्री भी फर्जी होने के आरोप है। आरोप है कि फैजाबाद जिले के अवध विश्वविद्यालय से ली गई जितेंद्र सिंह तोमर की बीएससी की डिग्री भी फर्जी है। इसकी पुष्टि भी अवध विश्वविद्यालय प्रशासन कर चुका है।
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