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    जानिए, किस सीट पर जीत की इबारत लिखने से 32 वर्षों से दूर है कांग्रेस

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Sun, 08 Jan 2017 03:06 PM (IST)

    प्रदेश के साथ ही जिले में भी कांग्रेस को दो दशक से अधिक समय से मुंह की खानी पड़ रही है। जिले में तीन विधानसभा सीट नोएडा, दादरी व जेवर है। नए परिसीमन के बाद वर्ष 2012 में नोएडा विधानसभा सीट बनी है।

    नोएडा [ जेएनएन ] । 27 साल यूपी बेहाल का नारा बुलंद करते हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है। तीनों विधानसभा सीटों पर टिकट मांगने वाले नेताओं की लंबी फेहरिस्त है। पार्टी उम्मीद लगाए बैठी है कि जिले में दशकों बाद सियासी वनवास समाप्त होगा।

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    सपा के साथ गठबंधन की संभावना से प्रत्याशी उहापोह में हैं। सियासी गलियारे में चर्चा है कि 12 जनवरी के आसपास पार्टी टिकटों की घोषणा होगी। टिकटों की घोषणा में पीके टीम व प्रदेश नेतृत्व के बीच तनातनी है। देखना है टिकट घोषित करने में किसका पलड़ा भारी रहता है।

    प्रदेश के साथ ही जिले में भी कांग्रेस को दो दशक से अधिक समय से मुंह की खानी पड़ रही है। जिले में तीन विधानसभा सीट नोएडा, दादरी व जेवर है। नए परिसीमन के बाद वर्ष 2012 में नोएडा विधानसभा सीट बनी है।

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    इससे पहले यह दादरी विधानसभा सीट का हिस्सा हुआ करती थी। 2012 में हुए विधानसभा चुनाव व वर्ष 2014 में हुए उपचुनाव में भाजपा की जीत हुई। दादरी विधानसभा सीट पर आखिरी बार 37 वर्ष पूर्व 1980 में कांग्रेस के विजयपाल भाटी ने जीत दर्ज की थी।

    जेवर विधानसभा सीट पर 32 वर्ष पूर्व कांग्रेस के रतन स्वरूप राही ने 1984 में विजय पताका फहराई थी। इसके बाद से कांग्रेस के उम्मीदवार जीत को तरश रहे हैं।

    राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए राहुल गांधी पिछले एक वर्ष के दौरान दो बार जिले में आ चुके हैं। किसान यात्रा, राहुल संदेश यात्रा व खाट सभा के माध्यम से पकड़ मजबूत करने का प्रयास हुआ। चुनाव प्रबंधन दुरुस्त करने के लिए पार्टी ने इस बार पीके टीम को लगाया था।

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    पिछले कुछ माह पूर्व टीम के सदस्यों ने गांव व शहर में विभिन्न स्थानों का दौरा किया था। टीम ने अपनी गुप्त रिपोर्ट भेज दी थी। प्रदेश नेतृत्व में बदलाव के बाद राजबब्बर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया।

    पार्टी के नेताओं की मानें तो पीके टीम व राजबब्बर की पसंद अलग-अलग है। राजबब्बर अपने चहेतों को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। इससे तनानती बनी हुई है। साथ ही सपा से गठबंधन को लेकर भी अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।

    इससे उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। जेवर से ठाकुर धीरेंद्र सिंह , अजीत दौला, मनोज चौधरी, योगेश्वर राज नागर टिकट चाहने वालों की कतार में हैं। बिना टिकट मिले ही नेताओं ने अपने-अपने स्तर से प्रचार भी शुरू कर दिया है।

    दादरी से यतेंद्र कसाना, दीपक भाटी चोटीवाला, समीर भाटी, अजय चौधरी, पीताबंर शर्मा, महेंद्र नागर, विरेंद्र सिंह गुड्डू, जिले सिंह भाटी व नोएडा से रघुराज सिंह, मुकेश यादव, रमेश तुगलपुरिया, राजेंद्र अवाना, दीपक गुप्ता, दिनेश अवाना, विदित चौधरी टिकट चाह रहे हैं।

    टिकट के एक दावेदार की भाजपा में जाने की चर्चा जोरों पर है। पार्टी से नेताओं को उम्मीद है सपा से गठबंधन होगा। ऐसा होने पर पार्टी 32 वर्ष बाद जिले में जीत का झंडा फहराएगी। गठबंधन की संभावनाओं के बीच पार्टी के नेता उहापोह में हैं।