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    PM के यंग इंडिया को स्किल इंडिया बनाने के सपने को नोएडा में लगे पंख

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Thu, 14 Apr 2016 04:57 PM (IST)

    प्रधानमंत्री का 'यंग इंडिया' को 'स्किल इंडिया' बनने का सपना साकार होने लगा है। नोएडा के 29 युवाओं को अमेरिका से संचालित बीपीओ में नौकरी मिली है।

    नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'यंग इंडिया' को 'स्किल इंडिया' बनने का सपना साकार होने लगा है। गौतमबुद्ध नगर में स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे 100 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें से 29 युवाओं को अमेरिका से संचालित बीपीओ में नौकरी मिली है।

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    अब उन्हें प्रतिमाह 12-14 हजार रुपये मिलेंगे। अमेरिकी बीपीओ नोएडा के सेक्टर 63 में स्थित है।
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पढ़े-लिखे लेकिन बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए जुलाई 2015 में महत्वकांक्षी 'स्किल इंडिया' कार्यक्रम की शुरूआत की थी।

    इसी प्रोग्राम के तहत सेक्टर 65 स्थित एक संस्था को बदलते समय की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का काम मिला। इस संस्था ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले 100 युवाओं का प्रशिक्षिण के लिए चयन किया। इन्हें अमेरिकन अंग्रेजी बोलना सिखाया गया।

    कई महीने के प्रशिक्षण के बाद गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले युवा फर्राटेदार अमेरिकन अंग्रेजी बोलने में महारत हासिल कर लिए। इसके बाद इन प्रशिक्षित युवाओं का प्रोफाइल नोएडा में स्थित विभिन्न अमेरिकन बीपीओ को भेजा गया। बुधवार को दो अमेरिकन बीपीओ कंपनियों ने 50 युवाओं का इंटरव्यू लिया, जिसमें 29 युवाओं का चयन नौकरी के लिए कर लिया गया।

    14 हजार की नौकरी मिलने के बाद दादरी के रहने वाले सुनील कुमार ने कहा कि बचपन बेहद गरीबी में गुजरा। पिता ने कर्ज लेकर बारहवीं तक पढ़ाया। लग रहा था कि उनका प्रयास बेकार हो जाएगा। अब नौकरी मिली है तो सबसे पहले उनका लिया कर्ज चुकता करूंगा।

    फिर बहन की शादी में पिता की मदद करूंगा। 13 हजार की नौकरी पाने वाली रुकशर खान ने बताया कि गरीब होने के बावजूद घर वालों ने मुझे पढ़ाने का निर्णय लिया। पिता ने मजदूरी कर बीए पास कराया। बेटी की पढ़ाई पर खर्च करने के कारण रिश्तेदार घर वालों को कोसते थे। बीए के बाद नौकरी न मिलने पर ताना मारने वालों की संख्या बढ़ गई थी। अब उनका मुंह बंद हो जाएगा।

    विजय इंडिया के निदेशक हिमांशु कौशिक का कहना है कि युवाओं को प्रशिक्षित करने का खर्च सरकार ने उठाया है। प्रशिक्षण के बाद युवाओं का इंटरव्यू हुआ। जिसमें 29 को नौकरी मिल गई। हमारी कोशिश होगी कि सरकार की इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर रोजगार पाने योग्य बनाया जाए।