तिहाड़ जेल में चलता है नीरज बवाना गैंग का राज, जेल में सक्रिय है 22 गैंग
यह बात कहने और सुनने में अटपटी जरूर लग सकती है कि जेल के अंदर गैंग सक्रिय हैं। लेकिन यह बात सौ आना सच है। देश की नामचीन तिहाड़ जेल में 22 गैंग सक्रिय हैं। इतना ही नहीं इन गैंगों में वर्चस्व की जंग भी लड़ी जाती है।
पश्चिमी दिल्ली [भगवान झा] । यह बात कहने और सुनने में अटपटी जरूर लग सकती है कि जेल के अंदर गैंग सक्रिय हैं। लेकिन यह बात सौ आना सच है। देश की नामचीन तिहाड़ जेल में 22 गैंग सक्रिय हैं। इतना ही नहीं इन गैंगों में वर्चस्व की जंग भी लड़ी जाती है।
तिहाड़ के अंदर दुर्दांत अपराधी अपने किए की सजा काटने के बजाय बड़ी आसानी से गैंग चला रहे हैं। मौका मिलते ही अन्य गैंग के सदस्यों पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार रहे हैं। इनका खौफ तिहाड़ जेल के अंदर व्याप्त है। यही कारण है कि जेल प्रशासन भी इस पर लगाम लगाने में अभी तक नाकाम रहा है।
जेल सूत्रों ने बताया कि तिहाड़ में मुख्य रूप से 22 गैंग सक्रिय हैं जो जेल के अंदर से अपराध को अंजाम दे रहे हैं। इसमें लोगों से फिरौती की मांग और अपहरण की घटनाएं शामिल हैं। जेल के अंदर इन गिरोहों के बीच वर्चस्व की लड़ाई होती रहती है। इसमें कई कैदियों की जान तक चली जाती है।
कुछ दिनों पहले ही जेल नंबर आठ में एक कैदी दीपक की आंख फोड़कर बड़ी निर्ममता से हत्या की गई थी। इस वारदात को चार अन्य कैदियों ने इसलिए अंजाम दिया था क्योंकि दीपक उनके कहे अनुसार नहीं करता था। कुछ माह पहले अमित भूरा ने जेल में रहते हुए राजौरी गार्डन के एक व्यवसायी से फिरौती की मांग की थी और न देने पर जान से मारने की भी धमकी दी थी।
सूत्रों ने बताया अभी तिहाड़ में नीरज बवाना का गैंग सबसे ज्यादा सक्रिय है। इसके अलावा गैंग का नाम भी कुछ अलग तरह का रखा जाता है। इसमें हड्डी गैंग, अट्टे गैंग, किकरी गैंग व बीड़ी गैंग सहित कई अन्य शामिल हैं। वहीं, कई छोटे-मोटे गैंग भी तिहाड़ के अंदर सक्रिय हंै। इन सभी के पास मोबाइल व ड्रग्स आसानी से पहुंच जाता है।
कैदियों से नहीं लिया जा रहा काम
तिहाड़ में जो दुर्दांत अपराधी है उनका खौफ इस कदर है कि उनसे कोई कार्य नहीं लिया जाता है। जानकारों का कहना है कि पहले अपराधियों से जमकर कार्य कराया जाता था, जिससे कि उनका ध्यान दूसरी तरफ नहीं जा सके। गलती होने पर उन्हें कठोर सजा दी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है।
तिहाड़ में गैंगवार
- 12 अगस्त 2015 : जेल नंबर आठ में चार कैदियों ने मिलकर दीपक की पहले आंख फोड़ी और बाद में लोहे के नुकीले हथियार से कई वार कर हत्या की।
- 25 अप्रैल 2014 : तिहाड़ के अंतर्गत आने वाली रोहिणी जेल में तीन कैदियों ने मिलकर जसविंदर की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी।
- 12 नवंबर 2014 : तिहाड़ की जेल संख्या-1 में कैदियों के दो गुटों में भिड़ंत में 35 कैदी घायल।
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