सदस्यता समाप्त करने के पीछे के तथ्यगत पहलुओ को बताए आयोग
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के 20 विधायको की सदस्यता समाप्त करने के मामले म ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के 20 विधायको की सदस्यता समाप्त करने के मामले मे दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने चुनाव से आयोग पूछा कि लाभ का पद धारण करने पर सदस्यता समाप्त करने के फैसले के पीछे तथ्यगत पहलू क्या है। न्यायमूर्ति सजीव खन्ना और चदर शेखर की पीठ ने चुनाव आयोग को हलफनामा दायर कर अपना पक्ष स्पष्ट करने का आदेश दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि वह इस पर जवाब देने के साथ ही चुनौती याचिका पर भी अपना पक्ष रखेगा। मामले मे अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी।<ढ्डह्म> सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 250 पन्नो की रिपोर्ट मे कई तथ्य है, ऐसे मे चुनाव आयोग हलफनामा दायर कर तथ्यपरक जवाब दे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील प्रशांत पटेल को भी अपना पक्ष रखने का आदेश दिया। प्रशांत की ही याचिका पर 20 विधायको की सदस्यता को समाप्त करने की चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने मुहर लगाई थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग को उपचुनाव की तिथि घोषित करने जैसा कोई कदम न उठाने संबंधी आदेश की तारीख 7 फरवरी तक बढ़ा दी है।<ढ्डह्म> गौरतलब है कि 19 जनवरी को चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायको की सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेजी थी। 19 जनवरी को ही छह विधायको कैलाश गहलोत, राजेश गुप्ता, नितिन त्यागी, मदन लाल, सोमदला और शरद कुमार ने अंतरिम राहत देने की हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी। हाई कोर्ट ने राहत देने से इन्कार करते हुए सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी, लेकिन 21 जनवरी को ही राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की सिफारिश को मंजूरी दे दी और केद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी। 22 जनवरी को आप विधायको ने अपना आवेदन वापस लिया था और 23 फरवरी को 8 पूर्व विधायको ने याचिका दायर कर केद्र सरकार की अधिसूचना रद करने व रोक लगाने की मांग की थी। एकल पीठ ने सोमवार को मामले को दो सदस्यीय पीठ को स्थानांतरित कर दिया था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।