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    कैंसर के इलाज मे सहायक होगी नैनो तकनीक, जारी है अध्ययन

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Fri, 04 Aug 2017 10:01 PM (IST)

    बैक्टीरियल दवा प्रतिरोध एक गंभीर वैश्विक खतरे के रूप मे उभरा है, नैनोकणों में एंटीबायोटिक दवाओं को मिलाकर इस खतरे को दूर किया जा सकता है।

    कैंसर के इलाज मे सहायक होगी नैनो तकनीक, जारी है अध्ययन

    नई दिल्ली [जेएनएन]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली की महिला शोधार्थियों ने नैनोकणों का उपयोग करते हुए एक नया दवा वितरण मंच विकसित किया है जो कोशिकाओं के स्तर पर एंटीबायोटिक के प्रभाव को बढ़ाकर कैंसर पीड़ित मरीजों के इलाज में सहायक होगा।

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    आइआइटी की चार छात्राओं रोहिणी सिंह, स्मिता पाटिल, नीतू सिंह और शालिनी गुप्ता ने लंबे समय तक इस प्रोजेक्ट पर काम किया। शोध पिछले महीने नेचर ग्रुप के जर्नल 'साइंटिफिक रिपोर्ट' मे प्रकाशित हो चुका है।

    शोध दल की सदस्य शालिनी गुप्ता के अनुसार नैनो-आधारित डिलीवरी प्रणाली, कैंसर रोगियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगी क्योंकि अगर कैंसर में बैक्टीरियल संक्रमण का उपचार नहीं हो पाता तो यह कैंसर ग्रसित कोशिकाओं के कीमोथेरेपी द्वारा मारे जाने के बाद भी मरीज को प्रभावित कर सकता है।

    शालिनी कहती हैं कि एंटीबायोटिक दवा बैक्टीरिया के संक्रमण के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सबसे पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है, हालाकि इन दवाओ का 50 फीसद या तो आवश्यक नहीं है या प्रभावी रूप से निर्धारित रूप में उपयोग नहीं किया गया है।

    अध्ययन लगातार जारी है

    शालिनी के अनुसार बैक्टीरियल दवा प्रतिरोध एक गंभीर वैश्विक खतरे के रूप मे उभरा है, नैनोकणों में एंटीबायोटिक दवाओं को मिलाकर इस खतरे को दूर किया जा सकता है। उनके अनुसार इस पर अभी अध्ययन लगातार जारी है। 

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