पार्क के बाहर खुले नाले में गिरकर कारोबारी की मौत, साजिश की आशंका
मामले में पीडब्ल्यूडी की तरफ से अंदेशा जताया गया है कि किसी ने कारोबारी को धक्का देकर नाले में गिरा दिया। फिलहाल पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया।
नई दिल्ली [जेएनएन]। गाजीपुर इलाके में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के खुले नाले में गिरने से एक कारोबारी की मौत हो गई। मृतक की पहचान अनिल अग्रवाल (54) के रूप में हुई है। वह मयूर विहार फेज-3 में पॉकेट-5 के पास स्थित दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के पार्क से घर लौट रहे थे।
पार्क के गेट पर खुले नाले में पैर फिसलने से वह गिर पड़े। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें निकालकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें नोएडा स्थित मेट्रो अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस मामले में पीडब्ल्यूडी की तरफ से अंदेशा जताया गया है कि किसी ने उन्हें धक्का देकर नाले में गिरा दिया। फिलहाल पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया। संयुक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र यादव ने कहा कि अभी जांच चल रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला दर्ज किया जाएगा।
अग्रवाल स्वीट्स के नाम से मिठाई की दुकान
जानकारी के मुताबिक, अनिल अग्रवाल परिवार के साथ उन्नति अपार्टमेंट, पॉकेट-5, मयूर विहार फेज-3 में रहते थे। परिवार में पत्नी मंजू गुप्ता, दो बेटे निक्की गुप्ता (31), गौरव गुप्ता (28) और एक बेटी रिंकी गुप्ता (36) है। निक्की लंदन में कारोबार करता है, वहीं गौरव जर्मनी में निजी कंपनी में काम करता है और बेटी कानपुर में रहती है। अनिल अग्रवाल की मयूर विहार फेज-3 में अग्रवाल स्वीट्स के नाम से मिठाई की दुकान है। इसके अलावा उनका कार एसेसरीज और कपड़ों का भी कारोबार है।
खाना खाने के लिए घर आए थे
रविवार दोपहर के समय अनिल खाना खाने के लिए अपने घर आए थे। खाना खाने के बाद करीब 4:00 बजे वह घर के पास ही रेड फॉक्स होटल के नजदीक पार्क में स्कूटी लेकर टहलने चले गए। पार्क के गेट के पास बारिश का पानी जमा था। इस वजह से उन्होंने स्कूटी थोड़ी दूर खड़ी की। इसके बाद नाले के किनारे पर चढ़कर अंदर गए। लौटते समय भी वह नाले की किनारे पर चढ़े। यहां नाले के दो स्लैब अपनी जगह से हटे हुए थे।
दिल से संबंधित किसी तरह की बीमारी नहीं थी
अचानक अनिल अनियंत्रित होकर करीब पांच फीट गहरे नाले में गिर गए। चीख पुकार सुनकर कुछ लोग मौके पर पहुंच गए। उन्हें बाहर निकाला गया तो उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्होंने अपने परिजनों का नंबर दिया। परिजनों को सूचित करने के बाद लोग उन्हें पास के मलिक नर्सिंग होम में ले गए। अनिल के भतीजे दीपक ने बताया कि उन्हें दिल से संबंधित किसी तरह की बीमारी नहीं थी। वह पूरी तरह से स्वस्थ थे। दीपक ने बताया कि पार्क के पास खुले नाले की कई बार लोगों ने शिकायत की थी, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।
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हालात पैदा कर रहे संदेह: मनोज कुमार
कोंडली के 'आप' विधायक मनोज कुमार का कहना है कि घटना के बाद उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से बातचीत की थी। इसमें पता चला है कि कुछ दिन पहले नाले की सफाई कराई गई थी। इसकी वजह से तीन स्लैब हटाए गए थे, लेकिन इन्हें फिर से ढंक दिया गया था। कुछ असामाजिक तत्वों ने एक स्लैब चोरी कर लिया और स्लैब भी हटा दिए थे। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को आशंका है कि अनिल अग्रवाल को किसी ने धक्का दिया है। पुलिस पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच करे, क्योंकि हालात संदेह पैदा करने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित ठेकेदार को इलाके के सभी नालों का सर्वे कर पूरी तरह से ढंकने के आदेश दिए गए हैं।
नर्सिंग होम पर लापरवाही का आरोप
अनिल के परिजनों ने मलिक नर्सिंग होम पर लापरवाही का आरोप लगाया है। अनिल के भांजे योगेश का कहना है कि प्राथमिक उपचार न देने के कारण ही उनकी मौत हो गई। नाले से निकालने के बाद कुछ राहगीर व परिजन उनके मामा को लेकर नजदीकी मलिक नर्सिंग होम पहुंचे थे, लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने उनका इलाज करने के बजाय उनको जमीन में लिटवा दिया। उनका आरोप है कि स्ट्रेचर तक नहीं मुहैया कराया गया। बाद में डॉक्टरों ने मेट्रो अस्पताल रेफर कर दिया। इसे लेकर स्थानीय लोगों ने अस्पताल में हंगामा भी किया था। वहीं, अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि जब अनिल को यहां लाया गया था, तो उनकी मौत हो चुकी थी। यह बात परिजनों को बता दी गई थी।
रात में निकलना था राजस्थान
अनिल के परिजनों ने बताया कि रविवार रात को उन्हें कुछ दोस्तों के साथ राजस्थान स्थित मेहंदीपुर बालाजी दर्शन के लिए जाना था। इसके लिए उन्होंने सारी तैयारी भी कर ली थी। इसी वजह से रविवार दोपहर को वह जल्दी घर आ गए थे। अनिल की मौत के बाद पत्नी और बहू का रो-रोकर बुरा हाल है। सोमवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव को सुरक्षित रखवा दिया गया है। दोनों बेटे मंगलवार को विदेश से लौटेंगे। इसके बाद ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग का पक्ष
पीडब्ल्यूडी ने कहा कि यह नाला इतना गहरा नहीं है कि कोई उसमें गिर जाए और उसकी मौत हो जाए। नाले में इतना पानी भी नहीं है कि जिसमें कोई डूब सके। नाले में डेढ़ फिट के करीब पानी है। विभाग ने पुलिस से बात की है।
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