Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नोटबंदीः जानिये, आज से दिल्ली-NCR के लोगों को भी क्या मिली बड़ी राहत

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 18 Nov 2016 12:38 PM (IST)

    फैसले के पीछे बड़ी वजह यह है कि बड़े पैमाने पर लोग कमिश्नखोरों को लाइनों में लगवाकर कालेधन को सफेद कर रहे थे।

    नई दिल्ली (जेएनएन)। 500 और 1000 रुपये का नोट बंद होने के बाद जहां एक ओर लोगों की मुसीबत बढ़ी है, वहीं आज से सरकार द्वारा किए गए कुछ अहम बदलाव से लोगों को राहत भी मिलेगी। इससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी लाभ मिलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राहत की बात

    -आज से आप साढ़े चार हजार नहीं, बल्कि सिर्फ 2000 रुपये के ही पुराने नोट बदल पाएंगे।

    - 2000 रुपये के पुराने नोट 30 दिसंबर तक सिर्फ एक बार ही बदल पाएंगे।

    - 2000 रुपये से ज्यादा के पुराने नोट एक से अधिक बार भी जमा कराए जा सकेंगे, लेकिन ये पैसे बैंक खाते में जमा होंगे।

    नोटबंदी पर दीदी ममता का PM मोदी से यक्ष सवाल, क्या देश की जनता चोर है

    -जिन घरों में शादियां हैं, वहां दूल्हा-दुल्हन या उनके माता-पिता में से एक शख्स किसी एक के खाते से 2.5 लाख रुपये तक निकाल सकता है। इसके लिए आपको शादी का कार्ड लेकर बैंक जाना होगा।

    -किसान अब क्रेडिट कार्ड के जरिये हर हफ्ते 25 हजार रुपये तक कर्ज और पहले से खाते में पड़े अतिरिक्त 25 हजार रुपये चेक या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भी निकाल सकते हैं।

    -कृषि मंडी में APMC से रजिस्टर्ड व्यापारियों को मजदूरों और दूसरे खर्चों के लिए हर हफ्ते 50 हजार रुपये निकालने की छूट होगी।।

    -केंद्र सरकार के ग्रुप सी तक के कर्मचारी दस हजार रुपये तक की अडवांस सैलरी कैश में निकाल सकते हैं।

    - पेट्रोल पंप से भी कैश मिलेगा। इसके लिए पेट्रोल पंप पर अपना डेबिट कार्ड स्वाइप करके 2000 रुपये तक नकदी ले सकते हैं, लेकिन फिलहाल ये सुविधा देश के करीब 2,500 पेट्रोल पंप पर ही है।

    - सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर अब 24 नवंबर तक टैक्स नहीं देना होगा।

    ...इसलिए लिए फैसला

    - सरकार का तर्क है कि 4,500 रुपये जमा कराने की सीमा का दुरुपयोग हो रहा था।
    - फैसले के पीछे बड़ी वजह यह है कि बड़े पैमाने पर लोग कमिश्नखोरों को लाइनों में लगवाकर कालेधन को सफेद कर रहे थे। इससे जरूरतमंदों को ना तो पैसे मिल पा रहे थे, ना ही बैंकों के आगे लगी भीड़ कम हो रही थी।