कालेधन को सफेद बनाने के हरसंभव तरीके अपना रहे लोग
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कालेधन को बाहर निकालने के लिए मोदी सरकार ने 1000 और 500 के नोट बंद करने
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कालेधन को बाहर निकालने के लिए मोदी सरकार ने 1000 और 500 के नोट बंद करने की घोषणा की थी। वहीं कालेधन को सफेद करने के लिए लोग कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इस बारे में जानकारी जुटाने के लिए गूगल का भी सहारा ले रहे हैं।
जमकर हो रही सोने की खरीदारी
कालेधन को सफेद करने के लिए लोग सोने की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। 8 नवंबर की रात नोटबंदी की घोषणा के बाद से देर रात तक आभूषण की दुकानों पर भीड़ देखी गई थी। 40 हजार रुपये तोला के भाव पर सोना बेचा गया। पाच-दस और 20 लाख रुपये वाले तो शोरूम पर जाकर सोना खरीद रहे हैं। सराफा कारोबारियों के साथ शर्तो के साथ लाखों-करोड़ों रुपये में सोना खरीदा जा रहा है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का खरीदार देश है। अनुमान है कि सालाना मांग का एक तिहाई हिस्सा कालेधन के रूप में सोने इसमें इस्तेमाल होता है।
प्रॉपर्टी में निवेश
दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट कारोबारी बैक डेट में प्रॉपर्टी में निवेश कराकर कालेधन को सफेद करने के खेल में लगे हैं। इस वजह से बुधवार को नोएडा में बिल्डरों के यहां आयकर ने सर्वे किया। कुछ वर्ष पहले तक रियल एस्टेट सेक्टर का जीडीपी में 11 फीसद योगदान था। एंबिट कैपिटल की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में मौजूदा समय में 30 लाख करोड़ का कालाधन है, जोकि जीडीपी का करीब 20 फीसद है। सरकार के 2012 के आकड़ों के मुताबिक रियल एस्टेट सेक्टर में करीब 50 फीसद कालाधन लगा हुआ है।
कर्मचारियों को दे रहे लोन व एडवांस सैलरी
कालेधन को ठिकाने लगाने के लिए कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को 6 महीने की सैलरी एडवांस में दे दी है। रियल एस्टेट कंपनियां बोनस भी दे रही हैं। कुछ फैक्ट्री मालिक और बडे़ व्यापारी अपने कर्मचारियों को बुला-बुलाकर सैलरी दे रहे हैं। कर्मचारियों को बतौर लोन पुराने नोट दिए जाने का मामला भी प्रकाश में आया है।
डॉलर में खपाया जा रहा काला धन
नोटबंदी के बाद पहाड़गंज, करोल बाग, सदर बाजार, जामा मस्जिद, चांदनी चौक में रुपये को डॉलर में बदलवाया जा रहा है। वर्तमान में एक डॉलर की कीमत 67.87 रुपये है। बृहस्पतिवार को 130 रुपये अदाकर लोगों ने डॉलर खरीदे। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा का डॉलर 90 रुपये में बिका, जबकि इसकी कीमत करीब 52 रुपये है।
कारोबारी कर रहे एडवांस पेमेंट
खारी बावली, नया बाजार, आजाद मार्केट समेत बडे़ बाजारों में कारोबारी काले धन को खपाने के लिए एडवांस पेमेंट देने से भी नहीं कतरा रहे हैं। दाल, गेंहू, ड्राई फ्रूटस के कारोबारी किसानों समेत छोटे विक्रेताओं को एडवांस में भुगतान कर रहे हैं। एक कारोबारी ने तो अगले एक साल तक का पेमेंट उत्तर प्रदेश और राजस्थान के छोटे कारोबारियों को कर दिया है।
जनधन खातों में जमा हो रहा धन
जानकार कहते हैं कि बड़े उद्योगपतियों, अधिकारियों और अपराधियों का पैसा खपाने के लिए उनके गुर्गे कस्बों और पंचायतों में सक्रिय हो गए हैं। वे जनधन खाता रखने वाले ऐसे लोगों की तलाश में हैं, जिन्हें कुछ हिस्सा देकर उनके खाते का इस्तेमाल किया जा सके। हाल ही में पंजाब में एक मामला प्रकाश में आया था, जिसमें जनधन खाते में एक करोड़ रुपये का पता चला जबकि किसान को इसका पता भी नहीं चला।
मंदिरों व स्वयंसेवी संस्थाओं को दान
पुलिस सूत्रों का कहना है कि लोग अपना कालाधन मंदिरों में दान कर सुरक्षित रखना चाहते हैं। पुजारी शर्तो पर धन को सफेद कर रहे हैं। ज्यादातर पुजारी जमा की गई रकम की आधी रकम देने की शर्त रख रहे हैं। नई मुद्रा उपलब्ध न होने के कारण पुजारी उन्हें पर्ची काटकर दे रहे हैं। मैनेजमेंट के साथ मिलकर दान की पर्ची पर दानदाता का नाम नहीं लिखा जा रहा है। सीए से बैक डेट में लोन संबंधी कागजात बनाकर भी कालेधन को सफेद बनाया जा रहा है। पुलिस ऐसी गतिविधियों पर नजर रख रही है।
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