कालेधन को सफेद करने के लिए भी अपना रहे दो नंबर का रास्ता
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : दिल्ली देहात के गांवों में बैंक तो हैं, लेकिन पैसे के लेन-देन में अध
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : दिल्ली देहात के गांवों में बैंक तो हैं, लेकिन पैसे के लेन-देन में अधिकांश लोगों का अब तक नंबर ही नहीं आ पा रहा है। गांव के लोग सुबह से ही लाइन में लगते हैं, लेकिन दो नंबर के पैसे को एक नंबर में करने की जुगाड़ में लगे लोग उनके प्रयासों में पलीता लगा रहे हैं। इससे नाराज लोग रविवार को सुबह 10 बजे से खेड़ा कलां गांव में बैंक का घेराव करेंगे और संभावना अन्य गांवों में भी इस तरह के घेराव की है।
खेड़ा कलां निवासी और सीनियर सिटिजन एसोसिएशन के प्रधान विजय पाल राणा ने बताया कि जिन लोगों के पास बड़ी मात्रा में काला धन है वह बृहस्पतिवार से टेंपो, बस व ट्रक आदि में मजदूर वर्ग सहित अन्य लोगों को भरकर लाते हैं और उन्हें चार हजार रुपये थमाकर बदलने के लिए दे देते हैं। नोट बदल जाने पर 35 सौ रुपये खुद रखते हैं और पांच सौ रुपये बदलवाने वाले व्यक्ति को दे देते हैं। यह खेल दिन भर चलता है। मारपीट तक की नौबत आती है, लेकिन उनकी संख्या ज्यादा होती है। ऐसे में लाइन में लगे ग्रामीण पीछे ही रह जाते हैं। यह स्थिति करीब-करीब हर गांव के बैंकों में चल रही है। जहां गांव वालों से ज्यादा बाहरी लोगों की पहुंच रही है।
स्कूल प्रशासन भी बना रहा दवाब
कई स्कूलों ने भी डोनेशन के पैसे को बचाने के लिए अपने स्टाफ पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है। इन कर्मचारियों को नोट बदलने के लिए लाइन में लगाया जा रहा है। जो ऐसा करने से मना कर रहा है उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है। ऐसे में नौकरी बचाने के लिए कई लोग निजी स्कूल मालिकों की काली कमाई को एक नंबर में तब्दील करवाने में जुटे हैं। इस स्थिति के चलते ही कई इलाकों में बैंकों के आगे लंबी लाइन लग रही हैं। पुनर्वास कालोनियों सहित पॉश इलाकों तक में भी दो नंबर के पैसे वाले अपने कर्मचारियों को लाइन में लगा दे रहे हैं।
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