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    आइएसआइ के लिए जासूसी में सपा सांसद का पीए गिरफ्तार

    By Edited By:
    Updated: Sat, 29 Oct 2016 08:16 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के आरोप में दिल्ल

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

    पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य मुनव्वर सलीम के निजी सचिव (पीए) फरहत खान को भी गिरफ्तार किया है। मूलरूप से मुजफ्फरनगर के कैराना का रहने वाला फरहत खान पिछले एक साल से मुनव्वर सलीम के निजी सचिव के पद पर तैनात था। सपा सांसद के सचिव होने का फायदा उठाकर वह संसद भवन से गोपनीय दस्तावेज की फोटो स्टेट कराता था और फिर उन्हें आइएसआइ एजेंटों को सौंप देता था। शनिवार को पुलिस ने उसे साकेत कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने 8 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।

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    संयुक्त आयुक्त रविंद्र यादव के मुताबिक पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने जासूसी मामले में चिड़ियाघर के पास पाक उच्चायोग के वीजा अफसर महमूद अख्तर, मौलाना रमजान व सुभाष जांगिड़ को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो महमूद अख्तर ने बताया था कि उसे फरहत खान भी सेना, बीएसएफ एवं पैरामिलिट्री से जुड़े गोपनीय दस्तावेज और जानकारियां देता है। छानबीन के बाद क्राइम ब्रांच ने फरहत को शनिवार को पूछताछ के लिए चाणक्यपुरी स्थित क्राइम ब्रांच के इंटर स्टेट सेल में बुलाया और फिर गिरफ्तार कर लिया। क्राइम ब्रांच के अनुसार फरहत खान भले ही मुनव्वर सलीम का पीए एक साल पहले बना था लेकिन वह महमूद से पिछले पांच साल से संपर्क में था। पुलिस को अंदेशा है कि सांसद की करीबी का फायदा उठाकर वह संसद भवन से सेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेज व जानकारी महमूद अख्तर को देता था। फरहत ऐसा काम क्यों कर रहा था और कब से कर रहा था। वह कौन कौन सी गोपनीय दस्तावेज व जानकारी अख्तर को मुहैया करा चुका है। इस संबंध में क्राइम ब्रांच उससे पूछताछ करेगी। गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने के एवज में उसे कितना पैसा मिलता था इस संबंध में भी पूछताछ की जाएगी। कहा जा रहा है कि वह उत्तर प्रदेश में समाजवादी अल्पसंख्यक मोर्चा का सदस्य भी है।

    आरोपियों से पूछताछ जारी

    क्राइम ब्रांच मौलाना रमजान, सुभाष जांगिड़ और शोएब से लगातार पूछताछ कर रही है। आरोपियों ने बताया कि वे 25 अक्टूबर को दिल्ली आए थे और तीन अलग-अलग जगहों पर रुके थे। इस दौरान उन्होंने पाक उच्चायोग में तैनात वीजा अफसर महमूद अख्तर से वाट्सएप पर बातें कीं। 26 अक्टूबर की सुबह सुभाष व मौलाना रमजान जब पाक उच्चायोग में तैनात वीजा अफसर महमूद अख्तर से मिलने चिड़ियाघर गए तभी तीनों को दबोच लिया गया।

    मुनव्वर सलीम बोले

    फरहत को ठीक तरीके से जांचने परखने के बाद साल भर पहले पीए बनाया था। उसके द्वारा आइएसआइ के लिए जासूसी करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर वह जासूसी कर रहा था तो यह बहुत चिंताजनक बात है।

    मुनव्वर सलीम, सपा राज्यसभा सदस्य

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    1998 से आइएसआइ के संपर्क में है फरहत खान

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक फरहत खान 1998 से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संपर्क में है। उसने जल, रक्षा, गृह और पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़े बेहद अहम और गोपनीय दस्तावेजों को लीक कर आइएसआइ को सौंपे है। शुरू में हर मीटिग के लिए अख्तर उसे पाच हजार रुपये देता था। वर्तमान में उसे 25 से 30 हजार रुपये तक मिलते थे। इसके अलावा गोपनीय दस्तावेज पाक अधिकारियों को मुहैया करवाने के बदले उसे अलग से मोटी रकम मिलती थी। महीने में एक मीटिग उसकी पाक अधिकारियों के साथ जरूर होती थी। मुनव्वर सलीम का पीए रहने से पूर्व फरहत खान करीब चार अन्य सासदों व मंत्रियों का भी पीए रह चुका है। फरहत ने कबूला है कि महमूद अख्तर से अलावा भी कई आइएसआइ एजेंटों से उसकी जान पहचान रही है। भारत छोड़कर जाते समय पुराने एजेंट नए आइएसआइ एजेंट से उसकी मुलाकात करा देते थे। जिससे उसे कोई दिक्कत नहीं होती थी। पुलिस ने फरहत का मोबाइल फोन कब्जे में ले लिया है। उसकी सीडीआर निकलवाई जा रही है, वहीं उसका लैपटॉप भी कब्जे में लेने का प्रयास किया जा रहा है।