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देशद्रोह प्रकरण में स्पेशल सेल ने जम्मू-कश्मीर के दो छात्रों से की पूछताछ

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा के निर्देश पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्

By Edited By: Published: Sat, 17 Sep 2016 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 17 Sep 2016 06:21 PM (IST)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा के निर्देश पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) देशद्रोह प्रकरण में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फिर से जांच शुरू कर दी है। सेल ने जेएनयू पहुंचकर जम्मू कश्मीर के रहने वाले दो छात्र खालिद व मूजीबन गट्टू से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। बीते 9 फरवरी को जेएनयू के गंगा ढाबा के पास संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी पर दोनों ने चेहरे पर नकाब डालकर देश विरोधी नारे लगाए थे। सूत्रों के मुताबिक देशद्रोह प्रकरण में में ये दोनों भी शामिल हैं।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक मूजीबन गट्टू व खालिद दोनों जेएनयू के कावेरी छात्रावास में रहकर अलग-अलग पाठ्यक्रम से पढ़ाई कर रहे हैं। ये मूलरूप सें जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं। मूजीबन जेएनयू से एमए कर रहा है।

बता दूं घटना वाली रात देश विरोधी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जेएनयू से बाहर व जेएनयू में रहने वाले छात्रों ने नकाब पहनकर करीब 35 तरह के देश विरोधी नारे लगाए थे। माना जा रहा है कि इन नारों की तैयारी छात्र-छात्राओं ने कई महीने पहले शुरू कर दी थी।

जुलाई में उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य से सेल ने जब पूछताछ की तब उनसे खालिद व मूजीबन गट्टू आदि के बारे में पता चला था। दिल्ली व अहमदाबाद के प्रयोगशालाओं से केस से जुड़ी वीडियो व अन्य इलेक्ट्रॉनिक गजट की रिपोर्ट पुलिस के पक्ष में आने के बाद सेल ने जांच शुरू कर दी थी। लेकिन जेएनयू चुनाव का समय नजदीक आ जाने पर जेएनयू प्रशासन के अनुरोध पर सेल ने जुलाई में जांच बंद कर दी थी।

पहली बार बीते बृहस्पतिवार को सेल की चार सदस्यीय टीम ने जेएनयू पहुंच कर प्रशासनिक ब्लॉक में खालिद व मूजीबन गट्टू से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक इनसे सवाल पूछे गए कि 9 फरवरी की रात वे खुद गंगा ढाबा पर पहुंचे थे या कन्हैया व अन्य वामपंथी छात्र नेताओं ने उन्हें बुलाया था। कार्यक्रम का आयोजन किन-किन छात्र नेताओं ने मिलकर किया था। नारे के बारे में उन्हें पहले बता दिया गया था अथवा वहीं पर अचानक बताया गया। वे नकाब क्यों पहने थे। क्या किसी ने उन्हें पहचान छिपाने के लिए नकाब पहनने के लिए कहा था या अपनी मर्जी से ऐसा किया था।


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