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    नई शिक्षा नीति पर हो रही ऑनलाइन रायशुमारी

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    Updated: Tue, 16 Aug 2016 06:25 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नई शिक्षा नीति के बाबत देशवासियों से

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नई शिक्षा नीति के बाबत देशवासियों से करायी जा रही रायशुमारी में शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत नागरिक संगठनों का मत बेहद अहम है। इनकी राय जानने व उसे मंत्रालय तक पहुंचाने के लिए एनजीओ सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) ऑनलाइन रायशुमारी करा रही है। इसमें स्कूल संचालकों, शिक्षाविदों, अध्यापकों व अन्य एनजीओ ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) गठबंधन का गठन किया है।

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    एनईपी गठबंधन के संयोजक व सीसीएस के एसोसिएट डायरेक्टर अमित चंद्र के अनुसार, मंच पर न केवल राय दे सकते हैं बल्कि उपलब्ध राय में फेरबदल भी कर सकते हैं। सरकार की रायशुमारी व गठबंधन की रायशुमारी में बड़ा अंतर पारदर्शिता का है। अमित के मुताबिक, www.ठ्ठद्गश्च.ष्ष्ह्य.द्बठ्ठ एक सार्वजनिक प्लेटफार्म हैं जहा कोई भी राय दे सकता है और दूसरों की राय को जान सकता है। इसमें दर्ज होने वाले सभी सुझावों को संकलित कर रिपोर्ट एचआरडी मंत्रालय को भेजी जाएगी।

    सीसीएस के अध्यक्ष डॉ. पार्थ जे. शाह के अनुसार, सूचना एवं संचार क्राति के दौर में ऑनलाइन प्लेटफार्म का प्रयोग पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों को बढ़ावा देता है। असल मायने में यही लोकतात्रिक प्रक्रिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर रायशुमारी की इस प्रक्रिया को पसंद करेंगे।

    अध्यापकों की राय भी आ रही है सामने

    ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ टीचर्स ऑर्गनाइजेशन (एआइएफटीओ) के महासचिव सीएल रोज का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में नीति बनाते समय अध्यापकों की राय की हमेशा अनदेखी होती है। इस प्रयास में अध्यापकों व इससे जुड़े वास्तविक लोगों की राय व चिंताओं को सार्वजनिक मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है।