जाट आरक्षण आंदोलन रेल यात्रियों के लिए बना समस्या
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जाट आरक्षण आंदोलन का असर दिल्ली के जन जीवन पर पड़ने लगा है। हरियाणा से द
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जाट आरक्षण आंदोलन का असर दिल्ली के जन जीवन पर पड़ने लगा है। हरियाणा से दिल्ली आने वाले तमाम रेल रूट बाधित होने से रेल यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा प्रभाव दिल्ली रेवाड़ी और दिल्ली रोहतक रूट पर देखने को मिला। काम के लिए दिल्ली-हरियाणा ट्रेन से आने जाने वालों को खासी दिक्कत हुई। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिणी पश्चिमी, पश्चिमी और उत्तरी दिल्ली के इलाकों के दैनिक रेल यात्री रहे।
दिल्ली के दूरदराज के इलाकों से पुरानी दिल्ली के बाजारों में और सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले लोग भारी संख्या में ट्रेन से आते-जाते हैं। कोई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की उचित सुविधा न होने पर रेल यातायात इनके लिए सबसे उपयोगी है। लेकिन जाट आरक्षण आंदोलन के उग्र रूप धारण करने से दैनिक रेल यात्रियों को अन्य विकल्प तलाशने पड़ रहे हैं।
- नांगलोई से ज्यादातर लोग वह हैं जो पुरानी दिल्ली और सदर बाजार के इलाके में दिहाड़ी का काम करते हैं। रूट बाधित होने से काफी लोग बाजार नहीं पहुंच सके, जिसका असर सीधा उनकी आमदनी पर पड़ रहा है। कम किराया होने के कारण मजदूर लोग बाजार रेल से पहुंच जाते हैं। अगर यही बस आदि से बाजार जाएं तो दिहाड़ी का काफी हिस्सा किराए में खत्म हो जाता है, इसलिए मजदूर छुंट्टी करना ही बेहतर समझ रहे हैं।
प्रमोद यादव, सचिव दैनिक रेलयात्री संघ नांगलोई
-रेवाड़ी का रूट बाधित होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मजबूरी में लोगों को बसों और मेट्रो का रुख करना पड़ा, जिससे लोगों को बाजार और दफ्तर पहुंचने में काफी परेशानी हुई। आगे भी रूट बाधित होने की बात कही जा रही है जिसके कारण हमारी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
बालकृष्ण अमरसरिया, अध्यक्ष दैनिक रेलयात्री संघ पालम
- मैं रेवाड़ी में रहता हूं और रोजाना ट्रेन से यहां दिल्ली काम करने आता हूं, लेकिन शनिवार को रूट बाधित होने से छुंट्टी करनी पड़ी। आगे भी रूट बंद रहने की संभावना जताई जा रही। अगर ऐसा हुआ तो काफी दिक्कत हो जाएगी।
अनिल सोनी, दैनिक रेलयात्री रेवाड़ी
- मैं पालम में रहता हूं। ट्रेन रद्द होने ऑफिस जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रेल का किराया कम है साथ ही आराम से पहुंच जाते हैं लेकिन ज्यादा पैसे खर्च तो हुए ही साथ बसों के धक्कों से खासी परेशानी हुई। यही हाल सभी दैनिक रेलयात्रियों का है।
देवेंद्र शर्मा, दैनिक रैलयात्री
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