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विश्व संस्कृति महोत्सव स्थल का फिर से हो निरीक्षण : एनजीटी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की देखरेख में यमुना किनारे होने जा रहे

By Edited By: Published: Fri, 19 Feb 2016 08:28 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2016 08:28 PM (IST)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की देखरेख में यमुना किनारे होने जा रहे तीन दिवसीय विश्व संस्कृति महोत्सव-2016 की तैयारियों का नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने फिर से निरीक्षण करने का आदेश दिया है। एनजीटी ने यह निर्देश डीडीए और निरीक्षण टीम की अलग-अलग रिपोर्ट के चलते दिया है। सुनवाई के दौरान डीडीए ने महोत्सव को क्लीन चिट देते हुए कहा कि तैयारियों के लिए कहीं खुदाई नहीं हो रही है। वहीं, आइआइटी दिल्ली के प्रो. एके गोसाई ने बताया कि यदि महोत्सव होने दिया गया तो यमुना के बाढ़ वाले मैदानों में इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा।

एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार की पीठ ने कहा कि डीडीए और प्रो. गोसाई की रिपोर्ट में अंतर है। विशेषज्ञों की टीम मौके का एक बार फिर से निरीक्षण कर रिपोर्ट दायर करे। टीम रिपोर्ट में महोत्सव स्थल की वर्तमान स्थिति के बारे में स्पष्ट जानकारी दे। एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय एवं जल संसाधन मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया है।

गोसाईं ने रिपोर्ट में बताया कि महोत्सव की तैयारियों में एनजीटी के उन निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है, जिसमें यमुना के किनारे किसी भी निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है। महोत्सव स्थल पर जेसीबी से खुदाई की जा रही है। सभी पेड़-पौधों को हटा दिया गया है। लोहे के खंभों को लगाया जा रहा है। यमुना और बारापुला पर पांच पंटून पुल बनाए जा रहे हैं।

इससे पूर्व एनजीटी ने मामले में दिल्ली सरकार, डीडीए और कार्यक्रम का आयोजन कर रही संस्था द आर्ट ऑफ लिविंग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। एनजीटी ने डीडीए को आइआइटी के प्रोफेसर एके गोसाईं के साथ मौके का निरीक्षण कर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को भी कहा था। निरीक्षण टीम में जल संसाधन मंत्रालय के सचिव शशि शेखर, प्रोफेसर एके गोसाई, प्रोफेसर सीआर बाबू और प्रोफेसर बृज गोपाल शामिल हैं।

यह है मामला

पेश मामले में यमुना जिए अभियान एनजीओ के संयोजक मनोज मिश्रा ने याचिका दायर की है। उसमें बताया गया है कि यह कार्यक्रम 11-13 मार्च तक पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार इलाके में यमुना किनारे होगा। कार्यक्रम में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के भी शिरकत करने की संभावना है। याची का दावा है कि आयोजनकर्ता एनजीटी के गत वर्ष दिए उन आदेशों का उल्लंघन कर रहें हैं, जिसमें यमुना के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में किसी भी तरह के निर्माणकार्य पर रोक लगाया गया है। याची के अनुसार, कार्यक्रम के चलते डीएनडी फ्लाईवे और आसपास के सड़क पर निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो गैरकानूनी है और एनजीटी के आदेशों की अवमानना है। ऐसे में महोत्सव के होने पर रोक लगाई जाए।


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