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    टेरी के अधिकारी पर नहीं डाला दबाव : पचौरी

    By Edited By:
    Updated: Wed, 10 Feb 2016 09:47 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : महिला कर्मचारी के साथ यौन शोषण के मामले में अदालती कार्यवाही का सामना क

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : महिला कर्मचारी के साथ यौन शोषण के मामले में अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे टेरी के नवनियुक्त कार्यकारी उपाध्यक्ष आरके पचौरी ने दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष कहा कि उन्होंने कभी भी टेरी के अधिकारी पर दबाव नहीं डाला। पीडि़ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि दबाव के चलते ही पचौरी को टेरी में उच्च पद पर नियुक्त किया गया है।

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    जवाब में पचौरी ने कहा कि आरोप सत्य से परे हैं। फरवरी 2015 से जुलाई 2015 तक उनका टेरी से कोई संबंध नहीं रहा है। सत्र न्यायालय के आदेश के बाद ही उन्हें टेरी दफ्तर में दोबारा जाने की अनुमति मिली थी।

    महिला की याचिका पर 28 जनवरी को जारी नोटिस के जवाब में पचौरी ने कहा कि वह ट्रायल कोर्ट के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। जमानत की शर्तो को भी उन्होंने कभी नहीं तोड़ा है। याचिका को खारिज करने की अपील करते हुए पचौरी ने कहा कि यह कानून की दृष्टि में कहीं नहीं टिकती है। नई याचिका मामले के ट्रायल को लंबित करने के लिए लगाई गई है। उन्होंने कहा कि महिला और उनके वकील मिलकर मीडिया ट्रायल करने का प्रयास कर रहे हैं। पल-पल की जानकारी मीडिया को दी जा रही है, ताकि अदालती निर्णय को पक्षपात पूर्ण बनाया जा सके। इस याचिका पर मीडिया में हेडलाइन चल रही है कि 'क्या अदालत अब पचौरी की जमानत रद कर देगी। अदालत में होगी अहम सुनवाई'। याचिका अदालत के पास लगाने से पहले ही मीडिया में यह सब किया गया। 27 जनवरी को मीडिया चैनलों पर यह सब दिखाया गया, जबकि 28 जनवरी को अदालत ने महिला की उस ताजा याचिका पर उनसे जवाब मांगा था, जिसमें कहा गया था कि पचौरी ने एक महिला के माध्यम से पीड़िता से कोर्ट के बाहर समझौता करने की पेशकश की है।

    पीड़िता (29) अब टेरी से नौकरी छोड़ चुकी है। गत वर्ष 13 फरवरी को महिला ने पचौरी के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था।