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    सोमनाथ की याचिका रद,HC ने कहा -'उनकी चरित्र पंजिका ठीक नहीं'

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Wed, 23 Sep 2015 07:42 AM (IST)

    दहेज प्रताड़ना व पत्नी की हत्या के प्रयास के आरोपों में घिरे पूर्व कानून मंत्री व आप विधायक सोमनाथ भारती की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं। मंगलवार को हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी की उनके खिलाफ लगाए गए आरोप काफी गंभीर

    नई दिल्ली। दहेज प्रताड़ना व पत्नी की हत्या के प्रयास के आरोपों में घिरे पूर्व कानून मंत्री व आप विधायक सोमनाथ भारती की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं। मंगलवार को हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी की उनके खिलाफ लगाए गए आरोप काफी गंभीर है।

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    अदालत ने कहा कि भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने लगाए आरोपों के समर्थन में दस्तावेजी सुबूत पेश किए हैं। जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब जहां भारती के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है, वहीं राजनीतिक गलियारे में भी इसकी चर्चा है।

    पढ़े : HC से सोमनाथ को राहत, 17 सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक

    न्यायमूर्ति सुरेश कैत की खंडपीठ ने अपने 23 पन्नों के फैसले में कहा कि दस्तावेजों से साफ होता है कि भारती की पत्नी लिपिका मित्रा उसकी क्रूरता का शिकार हो रहीं थीं। अदालत ने कहा कि चूंकि भारती चुने हुए प्रतिनिधि हैं ऐसे में उनसे अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ ज्यादा उदारता व जिम्मेदारी से पेश आते।

    अदालत ने लिपिका द्वारा 20 मार्च, 2013 में किए गए एक मेल का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों के बीच यह मामला दहेज प्रताडऩा का कोई आम मामला नहीं है। बल्कि इस मामले में सामने आया है कि लिपिका पर क्रूर हमले किए गए।

    विश्वास पाने में रहे नाकाम

    अदालत ने कहा कि विधायक बनने से पहले अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते भारती ने हर बार झगड़े होने के बाद अपनी पत्नी से समझौता किया। लेकिन विधायक बनने के बाद वह अपनी पत्नी की भावनाओं व विश्वास पाने में नाकाम साबित हुए। अदालत ने 15 सितंबर भारती को गिरफ्तारी से राहत देने के बाद रात दो बजे उनके द्वारका नार्थ थाने जाने के प्रकरण पर भी नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि ऐसा करके भारती ने अदालत द्वारा दी गई झूठ का गलत फायदा उठाया है।

    मेडिकल रिपोर्ट को स्वीकारा

    अदालत ने लिपिका द्वारा अदालत में पेश किए उन मेडिकल रिपोर्ट को स्वीकारा जिसमें गर्भवती होने के बाद भारती द्वारा उन पर अपने पालतू कुत्ते से हमला करवाने के आरोप लगाए गए थे। अदालत ने कहा कि लिपिका द्वारा लगाए आरोप खोखले नहीं हैं बल्कि उसके साथ सुबूत के रूप में दस्तावेज दिए गए हैं।

    लिपिका ने हर बार अपना वैवाहिक जीवन बचाने के लिए भारती का सहयोग किया। यहां तक की चुनावों में भी उनकी मदद की। खंडपीठ ने कहा कि मालवीय नगर नाइजीरियन महिलाओं के साथ बदसलूकी व भारती के खिलाफ दर्ज अन्य मुकदमे दर्शाते हैं कि वह घर पर ही हिंसक व अपमानजनक भाषा का प्रयोग ही नहीं करते बल्कि बाहर आम लोगों के साथ भी उनका व्यवहार ठीक नहीं है।

    यह था मामला

    लिपिका ने 10 जून को महिला अपराध शाखा में घरेलू हिंसा की शिकायत दी थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 9 सितंबर को सोमनाथ भारती के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व हत्या के प्रयास की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। सोमनाथ ने निचली अदालत में जमानत की अर्जी लगाई थी। इसके बाद भारती ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।

    17 सितंबर को हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस से पूछा था वह केवल यह बताए कि वह भारती की हिरासत क्यों लेना चाहती है। दिल्ली पुलिस ने चाकू, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य (ओडियो-विडियो) व अन्य साक्ष्य एकत्रित करने के लिए हिरासत मांगी। वहीं, भारती के वकील ने विरोध करते हुए मध्यस्थता करने के लिए एक ओर मौका देने की अपील की है। उनका कहना था कि यह पति-पत्नी के बीच पारिवारिक विवाद का मामला है। लेकिन इसे राजनीतिक रूप देकर तूल दिया जा रहा है।