केंद्रीय कर्मचारियों को लेकर सियासत तेज
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्रीय कर्मचारियों के हितों पर सियासत तेज हो गई है। केंद्र सरकार के
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
केंद्रीय कर्मचारियों के हितों पर सियासत तेज हो गई है। केंद्र सरकार के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन में 113 फीसद महंगाई भत्ता शामिल करने समेत अन्य मांगों को लेकर दिल्ली कांग्रेस द्वारा जंतर-मंतर पर विरोध सभा का आयोजन किया गया। विरोध सभा में केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने भी भाग लिया।
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार ने हमेशा केंद्रीय कर्मचारियों के हितों के खिलाफ काम किया है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार न सिर्फ छठे वेतन आयोग को बनाने में असफल रही थी, बल्कि उनके महंगाई भत्ते को भी कम करने की कोशिशें की थीं जो सिर्फ 1 या 2 प्रतिशत था। इसी तरह नए कर्मचारियों के लिए पेंशन को भी खत्म कर दिया गया था।
माकन ने कहा कि छठे वेतन आयोग का गठन भी मनमोहन सरकार के कार्यकाल में हुआ था, जिसमें ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रत्येक केंद्रीय कर्मचारियों को लाखों रुपये के एरियर मिले थे।
उन्होंने कहा कि 2013 में काग्रेस सरकार ने सातवें वेतन आयोग का गठन कर दिया था और जिसकी रिपोर्ट 1 जनवरी 2016 तक आनी है। उन्होंने माग की कि मोदी सरकार को इस आयोग की सिफारिशें बिना किसी देरी के लागू करनी होंगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कर्मचारियों और अध्यापकों के हितों को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हरियाणा में सत्ता में आते ही राज्य के सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र 60 से घटाकर 58 कर दी गई है।
माकन ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार खर्च में कटौती करना चाहती है। इस योजना में केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र 60 से घटाकर 58 और अध्यापकों की 62 से 60 तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यापकों, वैज्ञानिकों व अन्यों की उम्र 65 से घटाकर 62 वर्ष कम करने की कोशिश हो रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सत्ता में आए एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल नहीं किया गया है। इसके कारण रक्षा व अर्द्ध सैनिक जवानों के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। माकन ने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों व शिक्षकों के साथ खिलवाड़ किया तो काग्रेस पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी।