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    एबीवीपी तैयार, एनडीटीएफ को है इन्कार

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    Updated: Wed, 15 Jul 2015 08:54 PM (IST)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लेकर कैंपस में सक्रिय दक्षिणपंथी ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लेकर कैंपस में सक्रिय दक्षिणपंथी छात्र व शिक्षक संगठन एकमत नजर नहीं आ रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जहां इस बदलाव का स्वागत कर रहा है, वहीं नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) चाहता है कि नए सत्र में यह व्यवस्था लागू न हो।

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    एबीवीपी ने इस विषय में अन्य छात्र संगठनों के विरोध प्रदर्शन से इतर राह पकड़ ली है, वहीं एनडीटीएफ की ओर से विद्वत व कार्यकारी परिषद से लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) भी सीबीसीएस के खिलाफ चलने वाले अभियान में सहभागी की भूमिका निभाने जा रहा है। कार्यकारी परिषद के सदस्य व एनडीटीएफ के अध्यक्ष डॉ. एके भागी का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश है कि सीबीसीएस बिना तैयारी के विश्वविद्यालय में लागू न हो। हम शुरुआत से ही इस विषय में शिक्षकों के बीच संवाद के पक्षधर रहे हैं। चूंकि अब नए सत्र के दाखिले हो चुके है, इसलिए एकाएक इसे बिना तैयारी के लागू नहीं किया जाना चाहिए। हम शिक्षक संघ व सरकार के माध्यम से प्रयास करेंगे कि इस साल यह बदलाव डीयू में न किया जाए।

    एबीवीपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रोहित चहल का कहना है कि सीबीसीएस विद्यार्थियों के लिए अच्छा कदम है। इसके फायदों से विद्यार्थियों को अवगत कराएंगे। सीबीसीएस को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि इससे शिक्षकों की नौकरी जाएगी जबकि ऐसा नहीं है। इस व्यवस्था से विद्यार्थियों को अध्ययन के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।

    चुनाव नतीजे बताएंगे नफा-नुकसान

    डीयू में अगस्त में शिक्षक संघ और सितंबर में छात्रसंघ चुनाव होना है। ऐसे में एक ही विचारधारा के समर्थक दो संगठनों को अलग-अलग मत रखने का क्या नफा-नुकसान होगा, इसका पता चुनाव नतीजों से ही लगेगा।

    कैंपस का राजनीतिक माहौल गर्म

    सीबीसीएस को लेकर कैंपस में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। डूटा अध्यक्ष डॉ. नंदिता नारायण का कहना है कि इस बदलाव के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा। वहीं एकेडमिक्स फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट (एएडी) के प्रमुख डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा ने इस विषय में मिली शिकस्त के लिए शिक्षक संघ नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते विरोध शुरू कर दिया जाता तो यह नौबत नहीं आती। सीबीसीएस के खिलाफ छात्र संगठन 28 जुलाई और 5 अगस्त को दो बड़े कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है।