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    स्टीफंस के प्रोफेसर को अग्रिम जमानत नहीं

    By Edited By:
    Updated: Tue, 23 Jun 2015 07:38 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : यौन उत्पीड़न के मामले में घिरे सेंट स्टीफंस कॉलेज के सहायक प्रोफेसर सतीश ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : यौन उत्पीड़न के मामले में घिरे सेंट स्टीफंस कॉलेज के सहायक प्रोफेसर सतीश कुमार को तीस हजारी कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग ने उनकी याचिका खारिज कर दी। कुमार ने इस आधार पर अग्रिम जमानत देने की अपील की थी कि छात्रा के आरोप मनगढ़ंत हैं और मामले में चश्मदीद भी नहीं है। अदालत में कुमार के वकील नितिन कुमार स्वरूप ने कहा कि कुमार जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, उनकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है। अलग-अलग लोगों को दी गई शिकायत में छात्रा बयान बदल रही है। वह हर बार एक आरोप बढ़ा देती है। कुमार 85 प्रतिशत विकलांग हैं और छड़ी के सहारे चलते हैं। उन्होंने छात्रा का न तो यौन उत्पीड़न किया है और न ही कभी पीछा ही किया।

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    छात्रा की तरफ से सरकारी वकील आरके तंवर व सुनील जे मैथ्यू ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उन पर गंभीर आरोप हैं और वह प्रभावशाली पद पर हैं। प्रोफेसर पहले ही प्रिंसिपल विल्सन थंपू के साथ मिलकर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर चुके हैं और दुष्कर्म का प्रयास किया है। पुलिस को प्रोफेसर के मोबाइल रिकार्ड खंगालने व अन्य जांच के लिए उसकी हिरासत चाहिए। थपू ने छात्रा पर दबाव बनाया था कि यह लिखकर दे कि वह कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती है। ऐसे में थंपू को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए। अभी तक एफआइआर में उनका नाम नहीं है। 15 अक्टूबर 2013 को कुमार ने छात्रा के साथ कॉलेज की प्रयोगशाला में छेड़छाड़ की थी। इसके बाद वह उसका पीछा करने लगा। इस दिन कुमार ने छात्रा के मोबाइल फोन पर करीब 25 बार कॉल की, लेकिन छात्रा ने जवाब नहीं दिया। इसके बाद कुमार ने छात्रा को आश्वासन दिया था कि ऐसा फिर कभी नहीं होगा। बावजूद इसके कुमार ने कई बार छात्रा का यौन उत्पीड़न किया।

    गौरतलब है कि सेंट स्टीफंस कॉलेज की पीएचडी की छात्रा ने 19 जून को मौरिस नगर थाने में सहायक प्रोफेसर सतीश कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई थी। छात्रा का आरोप है कि उसने मामले की शिकायत कॉलेज प्रशासन से भी की थी, लेकिन प्रोफेसर को बचाने का प्रयास किया गया।