स्टीफं स के प्रिंसिपल ने की थी बापू की अगवानी
अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली पांच छात्र और तीन शिक्षकों से पुरानी दिल्ली चांदनी चौक के किनारी बाजार ...और पढ़ें

अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली
पांच छात्र और तीन शिक्षकों से पुरानी दिल्ली चांदनी चौक के किनारी बाजार में शुरू हुआ सेंट स्टीफंस कॉलेज दिल्ली का सबसे पुराना कॉलेज है। आजादी की लड़ाई में यहां के छात्र ही नहीं शिक्षकों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
यह भी एक दिलचस्प तथ्य है कि राजधानी का सेंट स्टीफंस कॉलेज एकमात्र ऐसा संस्थान है, जहां से तीन भिन्न देशों के प्रमुखों ने शिक्षा ग्रहण की है। डॉ. फकरुद्दीन अली अहमद पूर्व राष्ट्रपति भारत, जनरल जिया-उल-हक पूर्व प्रमुख पाकिस्तान, सलीम अहमद सलीम पूर्व प्रमुख तंजानिया। इस कॉलेज की ऐतिहासिकता और यहां पर स्वतंत्रता के पहले होने वाली बैठकों का विवरण कई राजनेताओं ने अपने संस्मरणों में दर्ज किया है।
बतात हैं कि 2 जनवरी, 1914 को दो अंग्रेज अधिकारी सी एफ एंड्रयूज और विलियम विंस्टैनली पियरसन गाधी जी से मिलने दक्षिण अफ्रीका गए थे। दोनों ही सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाते थे। बाद में जब महात्मा गांधी पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो सेंट स्टीफंस कॉलेज के पहले हिंदुस्तानी प्रिंसिपल सुशील कुमार रुद्र उनकी अगवानी में स्टेशन पर थे। इसके बाद गांधीजी सुशील कुमार के यहां ठहरे थे।
सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास के प्राध्यापक डॉ. मलय नीरव का कहना है कि प्रसिद्ध क्रांतिकारी रास बिहारी बोस, लाल हरदयाल सहित कई लोग इस कॉलेज के छात्र थे। यहां आए दिन आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों की बैठकों का दौर चलता रहता था। चाहे नरम दल के नेता हों या गरम दल के, सभी के लिए यह कॉलेज बहस का अड्डा था।

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