Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आजादी की लड़ाई में छात्रों ने दिया था चंदा

    By Edited By:
    Updated: Wed, 10 Jun 2015 11:01 PM (IST)

    अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के सबसे पुराने कॉलेज ¨हदू कॉलेज का गौरवशा ...और पढ़ें

    Hero Image

    अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली

    दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के सबसे पुराने कॉलेज ¨हदू कॉलेज का गौरवशाली इतिहास यहां के बच्चों को भले न पता हो लेकिन आजादी से पहले इस कॉलेज ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1899 में स्थापित इस कॉलेज के छात्रों ने उस दौर में न केवल आजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, बल्कि वर्ष 1929 में स्वतंत्रता आंदोलन के लिए महात्मा गाधी को आठ सौ रुपये चंदा दिया था। जिस समय दिल्ली में शिक्षा के बस कुछ ही केंद्र थे, उनमें ¨हदू कॉलेज अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहले चांदनी चौक में था कॉलेज

    इसकी स्थापना का उद्देश्य भी अमीरों को ही नहीं बल्कि वंचित वर्ग के छात्रों को राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्वबोध की शिक्षा देना था। चांदनी चौक के किनारी बाजार में शुरू हुआ यह कॉलेज बाद में कश्मीरी गेट पर गया और जब महात्मा गांधी पहली बार दक्षिण अफ्रीका से आए तब यहां के छात्र पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनके स्वागत में गए और इन छात्रों को महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में अपने संघर्ष की कहानी भी सुनाई।

    116वां स्थापना दिवस मनाया

    1920 के बाद जैसे स्वतंत्रता आंदोलन धार पकड़ने लगा, यहां पर राजनीतिक गतिविधियों की सरगर्मी भी जोर पकड़ने लगी। भारत छोड़ो आंदोलन में यहां के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कॉलेज ने हाल ही में अपना 116वां स्थापना दिवस मनाया है। सौ साल से अधिक समय की विरासत संजोए यह कॉलेज आज भी देश में अपना मुकाम रखता है और यहां के पूर्व छात्र गौरव के साथ यहां प्रतिवर्ष एक दूसरे से मिलते हैं और अपनी यादों को ताजा करते हैं।

    -----------------

    कॉलेज का बस नाम ¨हदू है। इससे कई लोगों को यह भ्रम होता है कि यह धर्म विशेष का कॉलेज है लेकिन ऐसा नहीं है, जिस तरह आजादी की लड़ाई देश के सभी धर्मो के लोगों ने मिलकर लड़ी, उसी तरह यह कॉलेज सभी लोगों को समान भाव से दाखिला देगा है। हमारी कोशिश होती है कि यहां दाखिला लेने वाले छात्रों को यहां के इतिहास के बारे में भी रूबरू कराया जाए।

    - ड़ॉ. अंजू श्रीवास्तव, प्रिंसिपल, ¨हदू कॉलेज

    अभिनव उपाध्याय

    10 जून