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    खतरे में डूटा अध्यक्ष की नौकरी

    By Edited By:
    Updated: Mon, 18 May 2015 10:06 PM (IST)

    अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन और डीयू शिक्षक संघ (डूटा) के बीच जार ...और पढ़ें

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    अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली

    दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन और डीयू शिक्षक संघ (डूटा) के बीच जारी टकराव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है। सेंट स्टीफंस कॉलेज में हुई गवर्निग बॉडी की बैठक में डूटा अध्यक्ष पर कार्रवाई करने के लिए कुलपति को पत्र लिखने की बात कही गई है। यदि कुलपति डूटा अध्यक्ष पर कार्रवाई करते हैं तो उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। क्योंकि डीयू कुलपति के पास शिक्षक की मान्यता रद करने का भी अधिकार है। बशर्ते डीयू की कार्यकारी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया जाए। पूर्व में डीयू कुलपति द्वारा शिक्षकों की मान्यता रद करने के मामले सामने आ चुके हैं। डीयू के पूर्व कुलपति डॉ. वीआर मेहता ने भी आरएस राठी और आइएम कपाही की मान्यता रद कर दी थी। डीयू के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जब से प्रो. दिनेश सिंह डीयू के कुलपति बने हैं तबसे डूटा अध्यक्ष नंदिता नारायण के साथ टकराव की स्थिति है। उन्होंने हर मोर्चे पर कुलपति की आलोचना की है। यही नहीं विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ श्वेत पत्र भी जारी किया और मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक इसकी शिकायत की। कुलपति का कार्यकाल खत्म होने में कुछ महीने बचे हैं ऐसे में कहा जा रहा है कि वह कड़ा निर्णय ले सकते हैं।

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    सेंट स्टीफंस कॉलेज में गणित की शिक्षिका डॉ.नंदिता नारायण ने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम, शिक्षकों की नियुक्ति व तत्कालीन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा लागू किया जाने वाला च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम का खुलकर विरोध किया है। सूत्रों के अनुसार कालिंदी कॉलेज व देशबंधु कॉलेज में दाखिला प्रक्रिया रोकने व स्कूल ऑफ ओपन लर्निग की बैठक में बाधा डालने के मामले में डीयू प्रशासन से शिकायत की गई थी। जिसके बाद डीयू के रजिस्ट्रार ने उन सभी शिकायतों को सेंट स्टीफंस कॉलेज को भेज दिया था। जिसे सोमवार को कॉलेज में हुई गवर्निग बॉडी की बैठक में प्रस्तुत किया गया। इसमें इन सभी शिकायतों को आधार बनाकर डीयू कुलपति को इस मामले में कार्रवाई करने की बात कही गई।

    डूटा अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा, मेरे ऊपर लगे आरोपों के जवाब मैंने दे दिए हैं। शिक्षक संगठन की अध्यक्ष होने के नाते मेरा यह कर्तव्य है कि जहां पर गड़बड़ी हो रही है वहां पर मैं आवाज उठाऊं। अभी मुझे इस संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन यदि कोई ऐसा कदम विश्वविद्यालय प्रशासन उठाता है तो मैं अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगी। शिक्षक संगठन एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलेपमेंट के अध्यक्ष डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा का कहना है कि डीयू प्रशासन और कॉलेज प्रशासन को डूटा अध्यक्ष द्वारा किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन को इतना बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। यह शिक्षक संगठन को दबाने का मामला है। जिसकी हम निंदा करते हैं।