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    ऑनलाइन हुई जमीन के दस्तावेजों की जानकारी

    By Edited By:
    Updated: Wed, 29 Apr 2015 10:54 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : अब जमीन संबंधी जानकारी के लिए लोगों को राजस्व कार्यालय का चक्कर नह

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : अब जमीन संबंधी जानकारी के लिए लोगों को राजस्व कार्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। दक्षिणी-पश्चिमी राजस्व जिला ने जिले की जमीन के दस्तावेजों का कंप्यूटरीकरण कर दिया है। लिहाजा, लोग अब घर बैठे जान सकेंगे कि फलं खसरा नंबर का मालिक कौन है और किस जमीन का सही अधिकारी कौन है। इंटरनेट पर रिकॉ‌र्ड्स आफ राइट्स भी दिख पाएंगे। यह जानकारी 24 घंटे कंप्यूटर पर उपलब्ध होगी। उन दस्तावेजों पर संबंधित अधिकारी का डिजिटल हस्ताक्षर भी होंगे। लिहाजा, उसका प्रिंट निकाल कर उसे वैध दस्तावेज के रूप में प्रयोग भी किया जा सकेगा। राजस्व अधिकारियों का मानना है कि इससे संपत्ति दस्तावेजों में हेरफेर की संभावना खत्म होगी।

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    फिलहाल, इसकी शुरुआत दक्षिण-पश्चिम जिले से की गई है, लेकिन अन्य जिलों में जमीन के दस्तावेज ऑनलाइन करने का काम तेजी से चल रहा है। वहां भी बहुत जल्द लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। दक्षिण-पश्चिम राजस्व जिला उपायुक्त अंकुर गर्ग ने बताया कि फिलहाल जिले में 78 हजार संपत्ति और 1 लाख 80 हजार खसरा नंबर को आन लाइन किया है। इसे पब्लिक डोमन पर डाल दिया गया है। दस्तावेजों को देखने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.डीएलआरसी.डीईएलएचआइजीओवीटी.एनआईसी.इन पर लॉग इन करना होगा। फिलहाल, सारे दस्तावेज ड्राफ्ट मोड में है। अगर किसी को यह पता चलता है कि इसमें दी हुई सूचना गलत है तो इसकी शिकायत राजस्व कार्यालय कापसहेड़ा अथवा नजफगढ़ में की जा सकती है। यह सुविधा 25 मई तक दी जाएगी।

    ज्ञात हो कि दिल्ली में राजस्व के कुल 11 जिले हैं, लेकिन यह सुविधा फिलहाल दक्षिण-पश्चिमी जिला में शुरु की गई है। देश के कुछ राज्यों से इस तरह सुविधा पहले ही लोगों को दी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण-पश्चिमी जिले में जमीन के दस्तावेजों का कंप्यूटरीकरण का काम एक माह पहले ही पूरा कर लिया गया था, लेकिन कंप्यूटराइज दस्तावेज पाने के लिए पहले कार्यालय जाना पड़ रहा था। अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेट पर मौजूद दस्तावेज पूरी तरह वैध होंगे। चूंकि उस पर अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर मौजूद होंगे। लिहाजा, उस दस्तावेज का प्रिंटआउट निकाल कर वैध रूप से कहीं भी उसका प्रयोग किया जा सकेगा।