असंपादित: केजरीवाल ने नौकरशाहों को चेताया
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : सिविल सर्विस डे की पूर्व संध्या पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : सिविल सर्विस डे की पूर्व संध्या पर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नौकरशाहों को चेताया कि वे ठीक ढंग से काम करें। बेहतर काम करने पर सम्मान मिलेगा और ठीक से काम न करने पर दंड भी मिलेगा।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजनीति में ईमानदारी के बगैर नौकरशाही से ईमानदारी करना बेमानी है। समस्याओं की जड़ में गंदी राजनीति है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हम राजनीति में ईमानदारी लेकर आए हैं और अब नौकरशाही को भी ईमानदारी से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि नौकरशाही में 10 फीसद ईमानदार लोग होते हैं और 10 फीसद भ्रष्ट होते हैं और 80 फीसद हवा के रुख के साथ चलते हैं। अब हम मान रहे हैं कि 10 फीसद ईमानदार के साथ 80 फीसद भी ईमानदारी की चल रही हवा के रुख के साथ आ मिले हैं। मगर 10 फीसद नहीं सुधर रहे हैं इन्हें हमें सुधारना है। केजरीवाल सिविल सर्विस डे पर आयोजित विचार गोष्ठी में बोल रहे थे। इस गोष्ठी का विषय था चुनौतियां और अवसर। इस गोष्ठी में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया,
पूर्व नौकरशाह टीएसआर सुब्रहमण्यम व एन के सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता रामजेठमलानी, वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन, दिल्ली के मुख्यसचिव के के शर्मा आदि ने अपने विचार रखे। इस मौके पर दिल्ली के पूर्व मुख्यसचिव राकेश मेहरा, पी के त्रिपाठी व डी एम स्पोलिया भी मौजूद थे।
इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली के विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम दावा करते हैं कि लोगों ने जो हमसे उम्मीदें लगाई हैं उसमें से 100 फीसद न कर पाए तो 40 फीसद तो पूरा ही कर देंगे। इतने में ही दिल्ली का हुलिया बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता को हमसे बहुत उम्मीदें हैं उसकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हमें नौकरशाही के साथ मिलकर काम करना है। हम यानी आप के नेता और नौकरशाह दिल्ली में बेहतर तरीके से विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में जोश है मगर उनके जोश का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसका कारण यह भी है सिस्टम में गड़बड़ी है। इसमें हमें बदलना है। क्योंकि जनता के हित के लिए इसे बदला जरूरी है। क्योंकि जो जनता आसमान पर चढ़ाती है वह काम नहीं करने पर जूते भी मारती है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में आज कोई प्रतिस्पर्धा ही नहीं है। उन्हें मालूम है कि आज कोई अच्छी पोस्टिंग नहीं मिली है तो कल मिलेगी। यह ढर्रा ऐसे ही चला आ रहा है। ऐसे में भला कोई बेहतर काम क्यों करेगा। इसके लिए इस व्यवस्था को भी बदलना होगा। अब यह नहीं चलेगा, अब जो अच्छा काम करेगा। वही आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में एक नया प्रयोग करेंगे। आबकारी आयुक्त व वैट आयुक्त की नियुक्ति बोली के आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। इसमें वर्तमान में काम कर रहेदोनों आयुक्त भी आवेदन कर सकेंगे।
गोष्ठी के दौरान उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कार्यक्रम में गोष्ठी के रखे गए विषय पर कहा कि गोष्ठी का विषय है चुनौतियां और संभावनाएं। मगर मेरा मानना है कि जब तक आम आदमी की चुनौती को नहीं समझा। इस प्रकार की चुनौती का कोई मतलब नहीं है। हमारे लिए सबसे बड़ा आम आदमी है। हमें आदमी की चुनौती को समझना होगा। उन्होंने कहा कि हम अधिकारियों को पूरा संरक्षण देंगे अभी हमारी सरकार के पास 4 साल आठ माह हैं। हम वाया करते हैं कि किसी भी अधिकारी को कुछ नहीं होने देंगे। मगर इसके बदले हमें भी तो कुछ चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपने लिए कुछ नहीं मांगते हैं। हम जनता के लिए मांगते हैं कि जनता के लिए आप लोग बेहतर काम करें। इसके साथ ही उन्होंने सिविल सर्विस डे पर अधिकारियों को बधाई भी दी।
समाप्त-वी के शुक्ला, 20 अप्रैल 2015

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