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    डीयू में शुरू हुई जन सुनवाई

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    Updated: Mon, 30 Mar 2015 09:50 PM (IST)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में आर्ट फैकल्टी के सामने सोमवार से डीयू शिक्ष ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में आर्ट फैकल्टी के सामने सोमवार से डीयू शिक्षक संघ (डूटा) व छात्र संगठनों द्वारा जन सुनवाई की शुरुआत की गई। यह तीन दिन तक चलेगी। पहले दिन छात्रों और शिक्षकों के साथ हुई विसंगतियों पर चर्चा करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया गया।

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    डूटा की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा कि इस जन सुनवाई का मकसद विश्वविद्यालय प्रशासन से त्रस्त हुए लोगों को अपनी राय रखने का मंच प्रदान करना है। आए दिन विश्वविद्यालय में जो हो रहा है वह छात्र और शिक्षक दोनों के हित के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा, डीयू में शिक्षकों और छात्रों के हित हाशिए पर हैं। इसलिए हम कुलपति को हटाने की मांग करते हैं।

    डीयू के शिक्षक शैकत घोष ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शैक्षणिक सुधार के नाम पर कई ऐसे कदम उठाए गए जिससे छात्रों का हित नहीं हुआ। चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम भी उनमें से एक था। डीयू के कुलपति प्रो. दिनेश सिंह के कई निर्णय गलत हैं। छात्र संगठन क्रांतिकारी युवा संगठन के संयोजक शाहनवाज ने बताया कि स्कूल ऑफ ओपन लर्निग के पैसों से रेगुलर कोर्स चलाए जा रहे हैं। कुलपति ने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। बीटेक के छात्र ठगे गए हैं। तकनीकी संस्थान से विषयों की संतुति न लेना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

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    आज सचिवालय का घेराव करेगी आइसा

    ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ता मंगलवार को दिल्ली सचिवालय का घेराव करेंगे। आइसा के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष शनि ने बताया कि डीयू और अन्य संस्थानों से जुड़े कई ऐसे कॉलेज हैं जहां सुरक्षा और यातायात की समस्या है। श्रम एवं परिवहन मंत्री गोपाल राय ने इसके समाधान के लिए आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि हम सर्वे कर बसों की स्थिति और रूट की रिपोर्ट दें। हमने सब कुछ तैयार किया लेकिन बसों का संचालन अब भी शुरू नहीं हुआ। ऐसे में हमारे पास विरोध करने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है।