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    विदेशी छात्राओं को भा रही दिल्ली

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    Updated: Tue, 10 Mar 2015 01:17 AM (IST)

    अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली राजधानी दिल्ली भले ही दुष्कर्म और महिलाओं के खिलाफ ¨हसा के लिए बदनाम हो, ...और पढ़ें

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    अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली

    राजधानी दिल्ली भले ही दुष्कर्म और महिलाओं के खिलाफ ¨हसा के लिए बदनाम हो, लेकिन अब भी न केवल दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) बल्कि अन्य देशों के छात्र-छात्राओं का भरोसा यहां के विश्वविद्यालयों पर बना हुआ है। वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म (16 दिसंबर 2012) की घटना के बाद भी दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में विदेशी छात्र-छात्राओं की संख्या में कमी नहीं आई है। उन्हें यहां की बहुसंस्कृति, शिक्षा का माहौल, सस्ती और गुणवत्तापरक शिक्षा, नौकरी तथा शोध के लिए उचित प्रबंध आकर्षित कर रहे हैं। डीयू में जहां 67 देशों के छात्र पढ़ने के लिए आएं हैं, वहीं जामिया में 36 देशों के छात्र-छात्राओं ने दाखिला लिया है। नेपाल और तिब्बत के छात्रों की संख्या अधिक है, इसके बाद मॉरीशस और मालदीव के छात्रों का नंबर आता है। गौरतलब है कि सार्क में भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका देश शामिल हैं।

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    डीयू में शिक्षा का बेहतर माहौल है। विदेशी छात्रों को उनकी जरूरत के मुताबिक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। सस्ती और मूल्यपरक शिक्षा दी जाती है। न केवल सार्क देशों के बल्कि चीन, कोरिया सहित 60 से अधिक देशों के छात्र यहां दाखिला लेते हैं।

    -डॉ. अमृत कौर बसरा (डिप्टी डीन, फॉरेन स्टूडेंट वेलफेयर, डीयू)

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    जामिया विश्व भर में बेहतर शिक्षा के लिए जाना जाता है। गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए यहां विदेशों से छात्र आते हैं। हमने कई विश्वविद्यालयों के साथ समझौता भी किया है, जिससे वहां के छात्र यहां पढ़ाई के लिए आते हैं।

    -डॉ. मुकेश रंजन (जनसंपर्क अधिकारी, जामिया मिलिया इस्लामिया)

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    विदेशी छात्र भारत की संस्कृति से रूबरू होना चाहते हैं। दक्षिण एशिया के छात्रों के लिए यहां पढ़ाई सस्ती है। अन्य देशों के छात्र भी अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई के लिए यहां आते हैं। मेरी पढ़ाई पेरिस में हुई है और जेएनयू में मैंने अंग्रेजी सीखा।

    -वेनेसा (अध्यक्ष, विदेशी छात्र संगठन, जेएनयू)

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    वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की घटना के एक सप्ताह बाद मैं दिल्ली आई थी। परिजन मेरे दाखिले को लेकर चिंतित थे। घटना के बाद हुए आंदोलन से मैं काफी प्रभावित हुई। यहां दाखिला लेने के बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है।

    -किम वेंकास्पल (जेएनयू छात्रा, नीदरलैंड)

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    भारत की विविधता मुझे आकर्षित करती है। सामाजिक असंतुलन के कारण यहां अपराध की घटनाएं होती हैं, लेकिन इससे सांस्कृतिक सौंदर्य समाप्त नहीं हो जाता।

    -हामिद बर्माकी (डीयू छात्र, अफगानिस्तान)

    डीयू में दाखिला लेने वाले विदेशी विद्यार्थी

    वर्ष-छात्र-छात्रा

    2012-508-519

    2013-511-519

    2014-638-546

    जामिया में दाखिला लेने वाले विदेशी विद्यार्थी

    वर्ष-छात्र-छात्रा

    2012-129-84

    2013-131-91

    2014-157-91

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    सत्र 2014-15 में डीयू में दाखिला लेने वाले विदेशी छात्रों की संख्या

    देश-छात्र

    तिब्बत-370

    नेपाल-311

    अफगानिस्तान-55

    मॉरीशस-39

    मालदीव-36

    श्रीलंका-23

    भूटान-22