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    स्वास्थ्य बजट में कटौती

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    Updated: Sun, 01 Mar 2015 03:28 AM (IST)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : केंद्रीय बजट से स्वास्थ्य जगत नाखुश है। स्वास्थ्य के बजट में कटौती डॉक्

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : केंद्रीय बजट से स्वास्थ्य जगत नाखुश है। स्वास्थ्य के बजट में कटौती डॉक्टरों को रास नहीं है। डॉक्टर का कहना है कि बजट निराश करने वाला है। सेवा कर में बढ़ोतरी से मरीजों के इलाज के खर्च पर असर पड़ेगा। हालांकि, पांच नए एम्स खोलने की घोषणा को डॉक्टरों ने सही कदम बताया है।

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    डॉक्टरों का कहना है कि सेवा कर में बढ़ोतरी से अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें महंगी हो सकती है। निजी अस्पतालों में खाना भी महंगा हो जाएगा। हालांकि, डॉक्टरों ने कारपोरेट टैक्स में कमी को सही फैसला बताते हुए कहा कि इससे निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को भी फायदा होगा।

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    'बुजुर्गो के लिए अलग से बजट की व्यवस्था करना स्वागतयोग्य कदम है। स्वच्छ भारत अभियान के लिए तय रकम स्वास्थ्य कार्यो में खर्च किया जाए। स्वास्थ्य बीमा के लिए छूट की सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 करना सही कदम है। हर राज्य में एम्स खोला जाना चाहिए। निशुल्क दवा व महामारी से निपटने के लिए व्यवस्था नहीं की गई।'

    - डॉ. केके अग्रवाल, महासचिव, आइएमए

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    पांच नए एम्स व एम्स की तरह बिहार में एक और अस्पताल बनाने का निर्णय युवाओं के लिए तोहफा है। पर स्वास्थ्य का बजट संतोषजनक नहीं है। हम उम्मीद कर रहे थे कि स्वास्थ्य बजट जीडीपी का 2.5 निर्धारित किया जाएगा। कारपोरेट टैक्स कम होने से इलाज का खर्च कम हो सकता है। स्वास्थ्य बीमा की शुरू भी नहीं की गई।'

    - डॉ. अनिल गोयल, अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन

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    'निराश करने वाला बजट है। पांच नए एम्स बनाने की घोषणा कर सिर्फ एम्स के नाम पर खुश करने की कोशिश की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे शहरों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत करने का प्रयास किया जाता तो ज्यादा बेहतर होता। सेवा टैक्स लगाने से इलाज महंगा होगा।'

    - डॉ. अजय लेखी, निर्वाचित अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन

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    'स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 33,150 करोड़ बजट निर्धारित किया गया है। यह पिछले साल से 20 फीसद कम है। यह अच्छा संकेत नहीं है। अफगानिस्तान जैसा देश अपने जीडीपी का आठ फीसद स्वास्थ्य पर खर्च करता है। चीन 5.4 फीसद खर्च करता है। बीमारियों की रोकथाम बड़ा मसला है। इस पर अलग से कार्य होना चाहिए।'

    - अमीरा शाह, प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मेट्रोपॉलिश हेल्थकेयर