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दिल्ली मंडल में 200 रेलवे क्रासिंग असुरक्षित

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना रेलवे के लिए बड़ी

By Edited By: Published: Mon, 26 Jan 2015 07:25 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jan 2015 07:25 PM (IST)
दिल्ली मंडल में 200 रेलवे क्रासिंग असुरक्षित

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना रेलवे के लिए बड़ी चुनौती है। दिल्ली रेल मंडल ने राजधानी को भले ही इस दृष्टि से सुरक्षित श्रेणी में ला खड़ा किया हो लेकिन मंडल के तहत आने वाले बाकी इलाकों में इस तरह के 200 से ज्यादा असुरक्षित रेलवे क्रासिंग हैं, जहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। 26 जनवरी को हिसार के निकट हुई दुर्घटना इसका ताजा उदाहरण है।

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इन हादसों से निपटने के लिए सीमित ऊंचाई वाले सब-वे बनाए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ कई मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर गेट मित्रों की तैनाती की गई है। 54 प्रस्तावित सब-वे में से मात्र 24 ही बनाए जा सके हैं।

203 क्रासिंग हैं मानव रहित

दिल्ली मंडल में कुल 737 रेलवे क्रासिंग हैं, जिसमें से 535 पर हीं फाटक लगाकर वहा कर्मचारियों की तैनाती की गई है, शेष 203 मानव रहित हैं, जिन्हें पार करना खतरनाक है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रेलवे ट्रैक के किनारे आबादी बढ़ रही है। वहीं वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है, जिससे दुर्घटना की आशका बनी रहती है। सबसे ज्यादा परेशानी उन स्थानों पर है, जहा रेलवे ट्रैक घुमावदार हैं। इन स्थानों पर व्यक्ति को ट्रेन के नजदीक आने पर ही पता चलता है।

फाटक बंद होने से लगता है जाम

इसी तरह से फाटक वाले क्रासिंग से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि ट्रेन आने के काफी पहले फाटक बंद कर दिया जाता है, जिससे इसके दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। व्यस्त रूट पर ज्यादा परेशानी है, क्योंकि यहा काफी समय तक फाटक बंद रहता है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए ही सीमित ऊंचाई वाले सब-वे बनाए जा रहे हैं। दिल्ली मंडल में पिछले वित्त वर्ष में इस तरह के 12 सब-वे बनाए गए थे।

85 गेट मित्रों की हुई तैनाती

मानवरहित रेल क्रासिंग पर दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास में दिल्ली मंडल में गेट मित्र नाम से 85 कर्मियों की तैनाती की है। अधिकारियों का कहना है कि गेट मित्रों की तैनाती का उद्देश्य लोगों को क्रासिंग का सुरक्षित तरीके से उपयोग करने के लिए जागरूक करना है। वहीं पोस्टरों, रेडियो, अखबारों और अन्य माध्यमों से भी लोगों को जागरूक किया जाता है।

यह है स्थिति

रेल खंड- प्रस्तावित सब-वे - तैयार सब-वे

दिल्ली से कुरुक्षेत्र - 1 - 1

जिंद से पानीपत- 15 - 10

शाहदरा से टापरी - 13 - 6

दिल्ली से बठिंडा-15- 2

रोहतक से पानीपत -7 - 7

दिल्ली से रेवाड़ी -2- 2

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सीमित ऊंचाई वाले कितने बने सब-वे

रेल खंड - बने सब-वे

जिंद से पानीपत - 2

रोहतक से पानीपत - 3

दिल्ली से रेवाड़ी - 7


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