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    हंगामेदार रही एसी की बैठक

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    Updated: Wed, 21 Jan 2015 10:52 PM (IST)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में बुधवार देर रात तक चली विद्वत परिषद (एसी) क ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में बुधवार देर रात तक चली विद्वत परिषद (एसी) की बैठक हंगामेदार रही। छात्रों को विशेष अवसर देने के मुद्दे पर बैठक को कुछ देर के लिए स्थगित भी करना पड़ा। जानकारी के अनुसार विशेष अवसर के मुद्दे को सदस्य साधना शर्मा ने उठाया, जिस पर कुलपति प्रो. दिनेश सिंह को गुस्सा आया और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। इसके बाद कुछ देर के लिए बैठक स्थगित हो गई।

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    बैठक शाम 5 बजे फिर शुरू हुई। इस बात पर सहमति बनी कि विशेष अवसर के लिए एक समिति बना दी जाए और वही इस पर फैसला लेगी। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) और च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लेकर भी विवाद हुआ। यूसीएमएस के लिए डॉयरेक्ट एश्योर करियर प्रमोशन स्कीम पास हो गई, जिससे अब शिक्षकों के सामने पदोन्नति की परेशानी नहीं आएगी। हालांकि इस संस्थान के राज्य सरकार के अधीन होने की काफी संभावना है। इस मुद्दे पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने डीयू प्रशासन को पत्र भी लिखा है। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पर 14 सदस्यों ने असहमति जताई। चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की वापसी को लेकर भी 14 सदस्यों ने असहमति जताई थी। बैठक में इस मुद्दे को लेकर काफी बहस हुई। डेमोक्रेटिक टीचर्स फेडरेशन और एक्शन फॉर एकेडमिक एंड डेवलेपमेंट के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालयों पर थोपा गया है। बिना विस्तृत बहस के इसे लागू नहीं किया जा सकता। यह शिक्षकों के लिए और छात्रों के लिए उचित नहीं है।

    फिजिकल एजुकेशन और भगिनी निवेदिता कॉलेज में बॉयोमेट्रिक सिस्टम का मामला भी एएडी के सदस्यों ने शून्यकाल में उठाया। कॉलेजों के प्रिंसिपल को छात्रों की उपस्थिति संबंधी निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। दो तिहाई उपस्थिति जारी रहेगी। डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस इकोनामिक और डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस कंट्रोल को मिला दिया गया है। इस पर कुछ लोगों की आपत्ति है। कुलपति ने सख्त लहजे में कहा कि यदि इसे मिलाया नहीं जाता है तो एमबीए फाइनेंस कंट्रोल को अनुमति नहीं दी जाएगी।