Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आरएलए सांध्य के प्रिंसिपल की विदाई की तैयारी

    By Edited By:
    Updated: Mon, 01 Sep 2014 09:54 PM (IST)

    ...और पढ़ें

    Hero Image

    अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली

    दिल्ली विश्वविद्यालय के रामलाल आनंद कॉलेज (आरएलए) सांध्य के प्रिंसिपल (विशेष कार्य अधिकारी) डॉ. जाफरी को वित्तीय अनियमितता और नियमों के उल्लंघन के मामले में बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। कॉलेज की गवर्निग बॉडी ने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट आने के बाद यह निर्णय लिया है। इस रिपोर्ट को आधार बनाकर फाइल कुलपति के पास भेज दी गई है। कुलपति को इस पर अंतिम निर्णय लेना है। 23 अप्रैल को बनी कमेटी ने 30 अगस्त को रिपोर्ट दी है। इसके बाद गवर्निग बॉडी ने यह निर्णय लिया है। गवर्निग बॉडी के चेयरमैन डॉ. आर एन कोहली ने भी डॉ. जाफरी की फाइल कुलपति के पास भेजने की पुष्टि की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूत्रों के अनुसार प्रिंसिपल के ऊपर कॉलेज में सात मंजिला ऐसी इमारत बनाने का अरोप है जो नियमत: सही नहीं है और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह खुलासा लैब में टेस्ट के बाद हुआ है। कंस्ट्रक्शन इंजीनियर और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग इस इमारत को तोड़ने का भी निर्देश दे चुके हैं, क्योंकि इससे हादसा हो सकता है। हालांकि इमारत अभी गिराई नहीं गई है। प्रिंसिपल ने कॉलेज में गवर्निग बॉडी की अनुमति के बिना पीस कांफ्रेंस कराई, जिसके लिए उन्हें कोरिया से पैसा मिला था। गवर्निग बॉडी ने इसका भी संज्ञान लिया है।

    मिश्रण में गड़बड़ी

    एक बोरी सीमेंट और सात बोरी बालू की जगह एक बोरी सीमेंट और 17 बोरी बालू का प्रयोग किया गया है। आपत्ति के बाद भी ठेकेदार को पैसे का भुगतान किया गया। इमारत के लिए 12.80 लाख रुपये का भुगतान हुआ है, जिस पर गवर्निग बॉडी को आपत्ति है।

    कार्रवाई प्रभावित होने की आशंका

    कॉलेज के कुछ शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि दाखिले के अलावा प्रिंसिपल ने अन्य अनियमितताएं की हैं। उन्हें डीयू प्रशासन के आला अधिकारियों का भी संरक्षण प्राप्त है। इसलिए ऐसा भी हो सकता है कि कुलपति के पास प्रिंसिपल के विरोध में की गई कार्रवाई को प्रभावित करने का प्रयास किया जाए। गौरतलब है कि कॉलेजों में प्रिंसिपल की अनुपस्थिति में विशेष कार्य अधिकारी की नियुक्ति का अधिकार कुलपति को है। विगत कुछ वर्षो में कुलपति ने कई कॉलेजों में विशेष कार्य अधिकारियों की नियुक्ति की है। इसका दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने काफी विरोध किया। क्योंकि विशेष कार्य अधिकारी मनमाने तरीके से व्यवहार करते हैं।